
इस्लामाबादः आतंकवाद की शरणस्थली बने पाकिस्तान को एक और झटका लगने वाला है। दरअसल आतंकवाद को आर्थिक मदद मुहैया कराने के कारण पाक को ब्लैकलिस्ट देशों की सूची डालने की तैयारी की जा रही है। इस संबंध में पेरिस में ‘फाइनेंसियल एक्शन टास्क फोर्स’ (FAFT) की 6 दिवसीय बैठक सोमवार से शुरू हो गई। पिछले कुछ महीनों से पाक इस प्रयास में लगा है कि उसे उन देशों की सूची में न डाला जाए जो एफएएफटी की मनी लांड्रिंग रोधी और आतंकवाद को वित्तीय मदद वाले नियमों का अनुपालन नहीं करती हैं। फिलहाल FAFT की ‘ग्रे-लिस्ट’ में शामिल होने की कगार पर खड़ा पाकिस्तान इसको लेकर तनाव में है।
दरअसल इस सूची में आने वाले देशों अर्थव्यवस्था पर बुरा प्रभाव पड़ता है। इस साल फरवरी में पाकिस्तान ‘ग्रे-लिस्ट’ में शामिल होने से बच गया था। हालांकि एफएएफटी के वरिष्ठ अधिकारी ने इस बात की पुष्टि की है कि जून में पाक को एफएएफटी की निगरानी सूची में डाल दिया जाएगा। FAFT की छह दिनों की बैठक के बाद यह तय हो जाएगा कि पाकिस्तान को आतंकवाद को आर्थिक मदद देने वाले ब्लैकलिस्ट देशों की सूची में डाला जाए या नहीं। पाकिस्तान की कार्यवाहक सरकार ने अनंतिम वित्त मंत्री शमशाद अख्तर को अपना बचाव करने के लिए पेरिस भेज दिया है।
यह है FAFT
एफएएफटी एक अंतर सरकारी निकाय है जिसका गठन 1989 में किया गया था। इसका उद्देश्य मनी लांड्रिंग, आतंकवाद को वित्तीय मदद और अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय प्रणाली की अखंडता को खतरा पहुंचाने वाले अन्य मामलों से लड़ना है। इससे पहले पाकिस्तान साल 2012-15 तक एफएएफटी की ‘ग्रे-लिस्ट’ में रह चुका है।
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