
हिंदू धर्म में किसी भी शुभ काम में शंख ध्वनि करने का विधान है। पूजा-पाठ से लेकर घर में होने वाले खुशी के हर मौके पर शंख नाद करने की परंपरा प्राचीनकाल से ही चली आ रही है। क्या आप जानते हैं सही शंख का चुनाव करके आप अपने मन की हर इच्छा पूरी कर सकते हैं। घर में शंख रखने से नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है। प्रतिदिन घर में शंखनाद करने से सकारात्मक ऊर्जा प्रवेश करती है। शंख ध्वनि से सूक्ष्म जीवाणुओं का नाश होता है। शंख में पंच तत्वों का संतुलन बराबर बनाए रखने की प्रचुर क्षमता होती है। इसमें जल भरकर निम्न मन्त्र का जाप करके इस जल को पीने से हृदय और श्वाससंबधित रोगों से मुक्ति मिलती है।
ॐ श्रां श्रीं श्रौं सः चंद्राय नमः
अगर आपकी जन्मकुंडली में सूर्य नीच का है या सूर्य खराब फल प्रदान कर रहा है तो प्रत्येक रविवार दक्षिणावर्ती शंख में जल भरकर सूर्य को अर्ध्य दें।
धन के अभाव से गुजर रहे हैं तो विष्णु शंख को अपने घर ले आएं। इस शंख का आकार अर्धचन्द्राकार होता है इसलिए इसे चंद्र शंख भी कहा जाता है।
दक्षिणामुखी एक विशेष प्रकार का दुर्लभ अद्भुत चमत्कारी शंख दाहिने तरफ खुलने की वजह से दक्षिणावर्ती शंख कहलाते हैं। इस तरह के शंख सहज रूप से सुलभ नहीं हो पाते हैं। आकाश में नक्षत्र मंडल में विशेष शुभ नक्षत्र के प्रभाव से दक्षिणावर्ती शंख की उत्पत्ति समुद्र के गर्भ से होती है। यह शंख अपने चमत्कारी प्रभाव के कारण दुर्लभ व मूल्यवान भी होता है। दक्षिणावर्ती शंख हर घर में अवश्य होना चाहिए इसके बिना लक्ष्मी जी की आराधना पूर्ण नहीं होती।
शंख में जल भरकर ” श्री सूक्त ” का पाठ करके उस जल को दुकान, आफिस में छिड़कने से व्यापार में बढ़ौतरी होती है।
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