
अर्जेंटीना की सीनेट ने गर्भपात को वैध करार देने संबंधी विधेयक को पारित कर दिया है। महिलाएं इस अधिकार के लिए दशकों से आंदोलन कर रही थीं। सीनेट में बुधवार को बहुमत से इस विधेयक को पारित कर दिया गया। विधेयक में 14 सप्ताह तक की गर्भवती महिला के गर्भपात को वैधानिक कर दिया गया है। यही नहीं, बलात्कार या गर्भवती महिला की जान को खतरा होने की स्थति में 14 सप्ताह के बाद भी गर्भपात को वैध करार दिया गया है।
सदन में मंगलवार को करीब 12 घंटे चली चर्चा के बाद हुए मतविभाजन में विधेयक के पक्ष में 38 जबकि विपक्ष में 29 वोट पड़े, जबकि एक गैरहाजिर था। संसद का निचला सदन ‘चैंबर ऑफ डेप्युटीज’ इस विधेयक को पहले ही मंजूरी दे चुका है और राष्ट्रपति अल्बर्टो फर्नांडीज ने इसका समर्थन किया है। महिला अधिकार कार्यकर्ता लंबे समय से इसके लिए लड़ाई लड़ रही थीं। हालांकि इस कानून का चर्च विरोध कर रहा था।
इस ऐतिहासिक अवसर पर राष्ट्रपति की पार्टी की सांसद मोनिका माचा ने ट्वीट करके कहा, ‘बहनों, हमने कर दिखाया है। हमने इतिहास बनाया है। हमने इसे मिलकर किया है। इस अवसर के लिए मेरे पास शब्द नहीं है।’ राष्ट्रपति अल्बर्टो की पार्टी ने इस विधेयक का समर्थन किया था। इस फैसले के साथ ही अब धार्मिक रूप से बेहद रूढ़िवादी लैटिन अमेरिका में बदलाव की बयार आ सकती है। पूरे इलाके में केवल क्यूबा, उरुग्वे और मैक्सिको के कुछ हिस्से में गर्भपात की कानूनी अनुमति है। आर्जेंटीन एक कैथोलिक देश है जहां पर गर्भपात का विरोध होता रहा है।
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