
भारत और चीन के बीच उत्तर से लेकर उत्तर-पूर्व तक सीमा को लेकर विवाद पर दुनियाभर की नजरें टिकी हैं। एशिया के दो सबसे बड़े देशों के बीच हालात को लेकर दूसरे हिस्सों में भी सुगबुगाहट है। खासकर अमेरिका स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहा है जो खुद के लिए भी चीन को बड़ी चुनौती मानता है। इसी के चलते अमेरिका ने अब अरुणाचल प्रदेश के मुद्दे पर भारत का साथ दिया है।
अमेरिका के गृह विभाग ने बयान दिया है, ‘करीब 60 साल से अमेरिका ने अरुणाचल प्रदेश को भारत का हिस्सा माना है। हम वास्तविक नियंत्रण रेखा पर किसी भी तरह की घुसपैठ, चाहे सैन्य हो या नागरिक, उसके जरिए क्षेत्रीय दावों को लेकर एकपक्षीय कोशिश का विरोध करते हैं।’ इसके साथ ही विभाग ने यह भी कहा है, ‘विवादित क्षेत्रों के बारे में हम सिर्फ यह कह सकते हैं कि हम भारत और चीन को द्विपक्षीय रास्ते के जरिए उन्हें सुलझाने के लिए प्रेरित करते हैं और सैन्यबल इस्तेमाल न करने की अपील करते हैं।’
पिछले महीने जब चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजिन से जब अरुणाचल से गायब 5 युवकों के बारे में पूछा गया था तो उसने भारतीयों के बारे में जानकारी देने की बजाय अरुणाचल प्रदेश को चीन का हिस्सा बता दिया था। लिजिन ने कहा, ‘चीन ने कभी अरुणाचल प्रदेश को मान्यता नहीं दी है जो चीन का दक्षिणी तिब्बत इलाका है।’
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