शेख हसीना के जाने के बाद राजनीतिक अस्थिरता और उथल-पुथल से जूझ रहे बांग्लादेश के सामने एक बड़ी चुनौती सिर उठा रही है, जिसका असर भारत पर पड़ने से इनकार नहीं किया जा सकता है। बांग्लादेश में कट्टरपंथी इस्लामिक राजनीतिक संगठन हिज्ब उत तहरीर (HuT) का असर तेजी से बढ़ रहा है। हिज्ब उत तहरीर का लक्ष्य इस्लामी खिलाफत को फिर से स्थापित करना और दुनिया भर में शरिया करना है। साल 2009 में बांग्लादश में हिज्ब उत तहरीर पर प्रतिबंध लगा दिया गय था, लेकिन शेख हसीना के जाने और मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में कार्यवाहक सरकार बनने के बाद इसके समर्थक सक्रिय हो गए हैं। राजधानी ढाका समेत कई जगहों पर इसके समर्थन में रैलियां निकाली गई हैं और इसके समर्थक पोस्टरों की भरमार हो गई है।
बांग्लादेश में खिलाफत की मांग – न्यू इंडियन एक्सप्रेस ने ढाका के एक राजनीतिक टिप्पणीकार प्रोफेसर नजमुल अहसन कलीमुल्लाह के हवाले से बताया कि हिज्ब-उत तहरीर अच्छी तरह से स्थापित संगठन है, जिसमें शिक्षित लोग शामिल हैं। बांग्लादेश में समाज के सभी वर्गों में उनकी पैठ है। 9 अग्सत को हिज्ब के समर्थकों ने ढाका में एक रैली आयोजित की, जिसमें शरिया कानून के आधार पर बांग्लादेश में खलीफा की स्थापना की मांग की।
गैर मुस्लिम देशों के साथ रिश्ते भी नहीं – इस संगठन की कट्टरता को इससे समझा जा सकता है कि इसने रैली के दौरान विदेशी कंपनियों को बाहर निकालने और गैर मुस्लिम देशों के साथ रणनीतिक समझौतों को रद्द करने का भी आह्वान किया। यह बयानों तक ही सीमित नहीं है। इस संगठन के समर्थक सेना में भी हैं। यह संगठन लोकतंत्र में विश्वास नहीं करता है और लैंगिक अधिकारों के खिलाफ हैं। महिलाओं के बारे में इसकी सोच बहुत अधिक रूढ़िवादी है।
भारत में भी स्लीपर सेल – इस संगठन ने भारत में भी अपनी पहुंच बनाई है। भारतीय एजेंसियों ने गुप्त रूप से सक्रिय हिज्ब उत तहरीर के कुछ सदस्यों की गिरप्तारी की है, जो अपने नेटवर्क का विस्तार करते नजर आ रहे हैं। उनमें से ज्यादातर शिक्षित हैं और छात्रों के जरिए अपना प्रचार-प्रसार करते हैं। मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और तमिलनाडु में इससे जुड़ी गिरफ्तारियां हुई हैं। अगर बांग्लादेश में यह संगठन मजबूत होता है को इसका असर भारत पर भी पड़ेगा, क्योंकि गुप्त रूप से सक्रिय इसके कार्यकर्ता बांग्लादेश के साथ संपर्क स्थापित कर सकते हैं।
Home / News / शेख हसीना के जाते ही बांग्लादेश में एक्टिव हुआ कट्टरपंथी संगठन, भारत के लिए भी खतरा, इस्लामी खिलाफत है लक्ष्य