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शेख हसीना के हटते ही 15 साल बाद ऐक्‍शन में पाकिस्‍तानी, शहबाज ने यूनुस को किया फोन, भारत की बढ़ेगी टेंशन


पाकिस्‍तान ने शेख हसीना के हटने के बाद बांग्‍लादेश को अपने पाले में लाने के लिए प्रयास तेज कर दिया है। शहबाज शरीफ ने पहली बार मोहम्‍मद युनूस से बातचीत की है। साथ ही अपने रिटायर राजनयिकों के साथ एक अहम बैठक करके नई रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया है।
पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने पिछले दिनों बांग्‍लादेश के कार्यकारी प्रधानमंत्री मोहम्मद यूनुस के सत्‍ता संभालने के बाद उनको पहली बार फोन किया। दोनों में काफी देर तक बातचीत हुई। शेख हसीना के प्रधानमंत्री रहने के दौरान 15 साल तक पाकिस्‍तान और बांग्‍लादेश के रिश्‍ते रसातल में चले गए थे। शेख हसीना ने पाकिस्‍तान समर्थक गुटों के खिलाफ सख्‍त ऐक्‍शन लिया था। पाकिस्‍तान ने कई बार कोशिश की कि शेख हसीना उसे राहत दे दें लेकिन ऐसा हुआ नहीं। अब शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद पाकिस्‍तान फिर से हरकत में आ गया है। बांग्‍लादेश में काम कर चुके पाकिस्‍तान के कई वरिष्‍ठ राजनयिकों ने अब शहबाज सरकार के लिए एक रणनीतिक पेपर बनाया है। पाकिस्‍तान का यह प्‍लान भारत की टेंशन बढ़ा सकता है। पाकिस्‍तान सरकार जमात-ए- इस्‍लामी के साथ मिलकर भारत के खिलाफ दुष्‍प्रचार और आतंकी गत‍िव‍िध‍ियों को और तेज कर सकती है।
पाकिस्‍तानी मीडिया के मुताबिक शहबाज शरीफ ने हाल ही में बांग्‍लादेश में काम कर चुके रिटायर उच्‍चायुक्‍तों और अन्‍य राजनयिकों को बुलाया और ढाका में हुए राजनीतिक बदलाव पर गंभीर चर्चा की। इस दौरान पाकिस्‍तान की रणनीति क्‍या हो, इसको लेकर भी प्‍लान बनाया गया। इन अधिकारियों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर कहा कि इस बैठक को शहबाज शरीफ ने खुद बुलाया था ताकि रिटायर अधिकारियों से बांग्‍लादेश को लेकर इनपुट हासिल किया जा सके। शेख हसीना अब भारत में हैं और युनूस सरकार के आने के बाद पाकिस्‍तान को इसमें मौका दिख रहा है।
‘बांग्‍लादेश के घटनाक्रम को भुनाए पाकिस्‍तान’ – शेख हसीना सरकार पाकिस्‍तान के खिलाफ इतना सख्‍त थी कि कोई भी पाकिस्‍तानी नेता उनसे रिश्‍ते सुधारने के लिए बातचीत की हिम्‍मत नहीं कर पाया था। शेख हसीना ने साफ कह दिया था कि जब तक कि पाकिस्‍तान 1971 के अपने अपराधों के लिए माफी नहीं मांगता है, उससे कोई बातचीत नहीं होगी। ताजा बदलावों को देखते हुए पाकिस्‍तान के रिटायर राजनयिकों ने कई सुझाव शहबाज सरकार को दिए हैं। उन्‍होंने शहबाज शरीफ से कहा कि पाकिस्‍तान को बांग्‍लादेश के घटनाक्रम को भुनाना चाहिए लेकिन सतर्क रहना होगा और चालाकी से भरी कूटनीति अपनानी होगी।