
वास्तु शास्त्र का मानना है व्यक्ति के आस-पास जो ऊर्जा विद्यमान रहती है, वही काम बनाती और बिगाड़ती है। उसी के अनुसार आज और कल कैसा रहेगा यह निर्धारित होता है। यदि किसी घर में वास्तु दोष है तो वहां से कभी भी जड़ से नेगेटिव एनर्जी को खत्म नहीं किया जा सकता। इसका प्रभाव इतना प्रबल होता है की यह सोचने-समझने की शक्ति को भी क्षीण कर देता है। वास्तु को अनदेखा करने पर घर के सदस्यों को शारीरिक, मानसिक, आर्थिक हानि भी उठानी पड़ती है। दिशाओं की बात की जाए तो 8 ऐसे दोष होते हैं, जो घर में बड़े रोग और शोक लेकर आते हैं।
घर की उत्तर पूर्व दिशा गोलाकार अथवा बंद नहीं होनी चाहिए। ये बहुत बड़ा वास्तुदोष होता है। इसके प्रभाव से किसी भी पारिवारिक सदस्य को बड़ा रोग या शोक अपनी चपेट में ले लेता है।
घर का मेन गेट और किचन आमने-सामने न बनाएं क्योंकि ये पाचन सम्बन्धी बीमारियों को जन्म देने के साथ-साथ रोग प्रतिरोधक क्षमता को कम करता है। यदि किचन का स्थान परिवर्तन करना सम्भव ना हो तो दरवाजे पर चिक या परदा लगा दें।
दंपति का बेडरूम उत्तर-पश्चिम क्षेत्र से कटा हो तो पति-पत्नी में से किसी एक को सेहत संबंधी परेशानी बनी रहती है। छोटा सा शीशा टांग देने से दंपति ऊर्जावान अनुभव करने लगता है।
घर में कभी भी मकड़ी के जाले नहीं लगने चाहिए नहीं तो राहु खराब होता है तथा राहु के बुरे फल भोगने पड़ते हैं।
करें ये उपाय
रसोई घर में गुड़ अवश्य रखें इससे घर में सुख-शान्ति आती है।
मान-सम्मान चाहते हैं तो प्रवेश द्वार को साफ-सुथरा व सजा कर रखें।
संध्या के समय घर में एक दीपक अवश्य जलाएं तथा ईश्वर से अपने द्वारा किए गए पापों के लिए क्षमा याचना करें।
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