
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने बुधवार को कहा कि उनकी सरकार को अपने 16 महीने के शासन के दौरान पिछले शासन की लापरवाही और विफलताओं का बोझ उठाना पड़ा। उन्होंने इमरान खान की पूर्ववर्ती सरकार पर मित्र देशों के साथ पाकिस्तान के रिश्तों को खराब करने का आरोप लगाया। शरीफ 13 दलों की गठबंधन सरकार का नेतृत्व कर रहे थे और बुधवार को संसद का कार्यकाल समाप्त होने के बाद विदाई भाषण में उन्होंने कहा कि 16 महीने का कार्यकाल ‘मेरे जीवन की सबसे कठिन परीक्षा’ रहा।
संसद के निम्न सदन नेशनल असेंबली में अपने विदाई भाषण में शरीफ ने कहा, ‘मुझे अपने 38 साल के लंबे राजनीतिक करियर में पहले कभी इतने कठिन दौर से गुजरना नहीं पड़ा क्योंकि देश गंभीर आर्थिक संकट में फंसा था, तेल की कीमतें ऊंची बनी हुई थीं और राजनीतिक अराजकता की स्थिति थी।’ उन्होंने खान के नेतृत्व वाली पूर्ववर्ती पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि उन्हें अपने 16 महीने के शासन के दौरान उसकी लापरवाही और विफलताओं का बोझ उठाना पड़ा।
इमरान पर कर्ज लेने का आरोप – पिछले साल अप्रैल में क्रिकेटर से नेता बने खान को अविश्वास मत के जरिए सत्ता से हटाया गया था। उनके बाद शरीफ देश के नए प्रधानमंत्री बने। शरीफ ने कहा कि पिछली सरकार ने मित्र देशों के साथ पाकिस्तान के संबंधों को बुरी तरह नुकसान पहुंचाया। उन्होंने खान के नेतृत्व वाली पिछली सरकार पर भारी कर्ज लेने और ‘दुनिया के सामने सिर झुकाने’ का भी आरोप लगाया।
‘इमरान ने आतंकवादियों को बसने दिया’ – आतंकवाद में वृद्धि के बारे में शरीफ ने कहा कि ‘पूर्व प्रधानमंत्री ने उन्हें (आतंकवादियों को) पाकिस्तान में आने और बसने के लिए आमंत्रित किया। यह कदम उल्टा पड़ गया क्योंकि आतंकवाद फिर से सिर उठाने लगा और स्वात तथा उसके बाहर तबाही मचा रहा है।’ शरीफ ने कहा कि कार्यवाहक प्रधानमंत्री को लेकर कोई गतिरोध नहीं है। उन्होंने कहा कि वह नेता प्रतिपक्ष राजा रियाज से अंतरिम प्रधानमंत्री को लेकर चर्चा करेंगे।
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