
भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने जिनेवा से अमेरिका और पश्चिमी देशों को फटकार लगाई है। भारत के विपक्षी नेताओं से अमेरिकी राजनयिकों के निजी मुलाकात को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में जयशंकर ने कहा कि उन्हें अपनी राजनीति पर भी टिप्पणी सुनने के लिए तैयार रहना चाहिए।
अमेरिकी राजनयिकों के असदुद्दीन ओवैसी और उमर अब्दुल्ला समेत कई विपक्षी नेताओं से मुलाकात और चुनाव को लेकर की गई टिप्पणियों पर अब भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बहुत करारा जवाब दिया है। जयशंकर ने शुक्रवार को जिनेवा में कहा कि उन्हें अन्य देशों की ओर से भारतीय राजनीति पर टिप्पणी करने से कोई समस्या नहीं है, लेकिन उन्हें अपनी राजनीति पर उनकी टिप्पणी सुनने के लिए भी तैयार रहना चाहिए। भारतीय विदेश मंत्री ने यहां भारतीय समुदाय के साथ बातचीत के दौरान यह तीखी टिप्पणी की। इससे पहले अमेरिकी राजनयिकों के विपक्षी नेताओं से मिलने पर भारत में बहुत तीखी प्रतिक्रिया हुई थी।
जिनेवा में आयोजित कार्यक्रम में नयी दिल्ली स्थित कुछ विदेशी राजनयिकों द्वारा भारत कुछ विपक्षी नेताओं के साथ व्यक्तिगत बैठकें करने के बारे में जयशंकर से सवाल पूछा गया था। विदेश मंत्री जयशंकर ने इसका सीधा जवाब नहीं दिया। उन्होंने कहा, ‘यदि लोग हमारी राजनीति के बारे में टिप्पणी करते हैं तो मुझे कोई समस्या नहीं है, लेकिन मुझे पूरी निष्पक्षता के साथ लगता है कि उन्हें भी अपनी राजनीति के बारे में मेरी टिप्पणी सुनने के लिए तैयार रहना चाहिए।’
जॉर्ज ऑरवेल की रचना से अमेरिका को जवाब – जयशंकर ने प्रसिद्ध लेखक जॉर्ज ऑरवेल की कृति ‘एनिमल फार्म’ का जिक्र करते हुए कहा, ‘आखिरकार, एक पारस्परिक सम्मान वाली, अधिक समानता वाली दुनिया कैसे बनाई जाए? क्योंकि हर कोई कहता है कि हम बराबर हैं, लेकिन वे वास्तव में उस तरह से व्यवहार नहीं करते हैं। यह कुछ हद तक एनिमल फार्म जैसा है – कुछ लोग दूसरों की तुलना में अधिक समान हैं।’ विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा, ‘अक्सर देश-विदेश में वही करते हैं, जिसके प्रति वे अपने देश में संवेदनशील होते हैं। इसलिए, जब भी लोग ऐसा कुछ करते हैं, तो उन्हें यह भी सोचना चाहिए कि ऐसा उनके अपने देश में होता, तो क्या होता। यह ऐसी चीज है जिसके बारे में उन्हें विचार करना चाहिए।’
जिनेवा में भारत के स्थायी मिशन द्वारा आयोजित कार्यक्रम के दौरान, विदेश मंत्री ने पिछले 10 वर्षों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भारत सरकार की उपलब्धियों पर भी प्रकाश डाला। जयशंकर ने कहा, “पिछले 10 वर्षों में हमारे हाई-स्पीड रोड कॉरिडोर में आठ गुना वृद्धि हुई है और हर दिन 28 किलोमीटर राजमार्ग जुड़ रहे हैं। 2014 में छह मेट्रो नेटवर्क से बढ़कर अब हमारे पास 21 हैं। इस अवधि में बंदरगाह संचालन दोगुना हो गया है और हम अब हर साल लगभग सात से आठ नए हवाई अड्डे बना रहे हैं। बुनियादी ढांचा, जो अतीत में हमें बांधे रखता था, अब बदल रहा है।”
Home / News / भारत की टिप्पणी भी सुनने को तैयार रहें… औवैसी और अब्दुल्ला से मिले अमेरिकी राजनयिक तो जयशंकर ने दी चेतावनी
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