
पाकिस्तान में मंदिर में तोड़फोड़ की वजह बने 8 साल के हिंदू बच्चे पर पाकिस्तान की क्रूर पुलिस ने कट्टरपंथियों के आगे झुकते ईशनिंदा का काला कानून लगाया है। पाकिस्तान के इतिहास में ऐसा पहली बार है जब इतनी कम उम्र के बच्चे पर ईशनिंदा कानून लगाया गया है। अब इस बच्चे को पुलिस हिरासत में ले लिया गया है। रहीम यार खान इलाके में मंदिर में भारी तोड़फोड़ के बाद बच्चे का परिवार कट्टरपंथियों के डर से छिप गया है और हिंदू समुदाय के अन्य परिवार इलाके से सुरक्षित स्थानों की ओर चले गए हैं।
बताया जा रहा है कि इस बच्चे की मानसिक हालत ठीक नहीं है। उसने एक मदरसे में जाकर पेशाब कर दिया था। इसके बाद से स्थानीय मौलाना ने मुस्लिम कट्टरपंथियों का उकसाया। कट्टरपंथी इससे भड़क गए और उन्होंने पुलिस पर कार्रवाई के लिए दबाव बनाया। पुलिस ने बच्चे को हिरासत में ले लिया लेकिन बाद में जमानत पर रिहा कर दिया। बच्चे के छूटते ही कट्टरपंथी गुस्से में आ गए और सैकड़ों की तादाद में मंदिर में घुसकर उसमें तोड़फोड़ की।
बच्चे पर अब सजा-ए-मौत का खतरा मंडरा रहा : मुस्लिम कट्टरपंथियों ने मूर्तियों को तोड़ दिया और मंदिर को आग के हवाले कर दिया था। इसके बाद पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट हरकत में आई और उसने पुलिस को सभी दोषियों को अरेस्ट करने और मंदिर के मरम्मत का आदेश दिया। मंदिर के आसपास पाकिस्तानी सुरक्षाबलों को तैनात किया गया है। इसके बाद भी अभी बच्चे पर ईशनिंदा का कानून लागू है। बच्चे पर आरोप लगाया गया है कि उसने जानबूझकर मदरसे की एक लाइब्रेरी में जाकर कालीन पर पेशाब किया जहां पर कई पवित्र पुस्तकें रखी हुई हैं।
ईशनिंदा कानून की वजह से बच्चे पर अब सजा-ए-मौत का खतरा मंडरा रहा है। ब्रिटिश अखबार गार्डियन ने बच्चे के परिवार के एक सदस्य से बातचीत की। उन्होंने कहा, ‘वह बच्चा अभी ईशनिंदा कानून के बारे में जानता भी नहीं है। उसे गलत तरीके से इस पूरे मामले में फंसाया गया है। बच्चा अभी भी यह नहीं समझ पा रहा है कि उसे जेल में क्यों डाला गया है और उसका अपराध क्या है। हमने अपनी दुकानें छोड़ दी हैं और पूरा हिंदू समुदाय बदले की कार्रवाई से डरा हुआ है।’
इतनी कम उम्र में पहली बार किसी पर ईशनिंदा का काला कानून लगा : बच्चे के रिश्तेदार ने कहा, ‘हम उस इलाके में अब नहीं जाना चाहते हैं। हम नहीं समझते हैं कि दोषियों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई होगी या अल्पसंख्यकों की सुरक्षा की जाएगी।’ इस बीच 8 साल के बच्चे के खिलाफ ईशनिंदा कानून लगाने से कानून के जानकार भी आश्चर्यचकित हैं। अब तक के इतिहास में इतनी कम उम्र के किसी भी इंसान पर ईशनिंदा का काला कानून लगाया गया है। पाकिस्तान में अक्सर धार्मिक रूप से अल्पसंख्यकों को कट्टरपंथियों की ओर से प्रताड़ित करने के लिए इस काले कानून का सहारा लिया जाता है।
IndianZ Xpress NZ's first and only Hindi news website