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ब्रह्मोस अच्‍छी लेकिन प्रभावी नहीं… अमेरिकी विशेषज्ञ ने भारतीय ब्रह्मास्‍त्र को फिलीपीन्‍स के लिए क्‍यों बताया ‘बेकार’


ब्रह्मोस मिसाइल को लेकर अमेरिका के विशेषज्ञ ने बड़ा दावा किया है। अमेरिकी विशेषज्ञ ने कहा कि बिना C4ISR क्षमता के फिलीपीन्‍स के लिए यह क्रूज मिसाइल बहुत कारगर नहीं होने जा रही है। वहीं भारतीय नौसेना के पूर्व विशेषज्ञ का कहना है कि ब्रह्मोस मिसाइल अकेले ही काफी है।
दक्षिण चीन सागर में चीन के खतरे का सामना कर रहे फिलीपीन्‍स ने भारत से ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल खरीदी है। फिलीपीन्‍स की योजना है कि वह भारत से और ज्‍यादा ब्रह्मोस मिसाइल खरीदे। ब्रह्मोस को दुनिया की सबसे तेज हमला करने वाली क्रूज मिसाइल माना जाता है लेकिन अमेरिका के एक विशेषज्ञ इससे सहमत नहीं हैं। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के पूर्व सलाहकार और कार्नेगी थिंक टैंक में विश्‍लेषक एश्‍ले टेलिस का कहना है कि बिना C4ISR क्षमता के फिलीपीन्‍स के लिए ब्रह्मोस मिसाइल किसी सैन्‍य अभियान में खास काम की नहीं है। वहीं भारतीय विशेषज्ञों का कहना है कि ब्रह्मोस मिसाइल बिना C4ISR तकनीक के बिना भी अकेले ही तबाही मचाने में सक्षम है। आइए समझते हैं पूरा मामला…
यूरोएशिया टाइम्‍स की रिपोर्ट के मुताबिक फिलीपीन्‍स को भारत के ब्रह्मोस मिसाइल देने की घटना को रणनीतिक लिहाज से चीन के खिलाफ बड़ा कदम माना जा रहा है। इससे यह संदेश भी गया कि भारत दक्षिण चीन सागर विवाद में अपना रुख स्‍पष्‍ट कर रहा है। एश्‍ले टेलिस ने कहा कि फिलीपीन्‍स की सुरक्षा के लिहाज से ब्रह्मोस मिसाइल एक बड़ा योगदान है लेकिन बिना C4ISR तकनीक के बिना दक्षिण पूर्वी एशियाई देश इस भारतीय मिसाइल का प्रभावी तरीके से इस्‍तेमाल नहीं कर पाएगा। अमेरिका का रक्षा मंत्रालय C4ISR को ‘कमांड, कंट्रोल, कम्‍युनिकेशन, कंप्‍यूटर (C4), इंटेलिजेंस, सर्विलांस और निगरानी बताता है।
जानें क्‍या है C4ISR सिस्‍टम – अगर आसान भाषा में कहें तो C4ISR किसी सेना का ‘नर्वस सिस्‍टम’ होता है जो हालात के बारे में जागरुक करता है। कई सिस्‍टम और सेंसर बहुत बड़े पैमाने पर डेटा कलेक्‍ट करते हैं और इसकी मदद से मिसाइलों से हमला करके सटीक निशाना लगाया जाता है। एश्‍ले ने कहा कि यह मिसाइल बहुत शानदार प्रतीक है लेकिन इसका ऑपरेशनल यूज बहुत ज्‍यादा नहीं है। वहीं रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय नौसेना के पूर्व कमांडर मिल‍िंद कुलश्रेष्‍ठ ने कहा कि ब्रह्मोस अकेले ही काफी घातक है और फिलीपीन्‍स के लिए किसी भी रूप में प्रतिरोधक ताकत के रूप में काम करेगी। मिल‍िंद ने ही पहली बार भारतीय नौसेना के C4 से ब्रह्मोस को जोड़ा था।
चीन के खतरे का सामना कर रहा फिलीपीन्‍स- बता दें कि फिलीपीन्‍स पहला ऐसा देश है जिसे भारत ने ब्रह्मोस मिसाइल का निर्यात किया है। भारत ने इसी साल ही ब्रह्मोस मिसाइल का फिलीपीन्‍स को निर्यात किया है। भारत ने यह मिसाइल ऐसे समय पर दी है जब फिलीपीन्‍स और चीन के बीच तनाव बहुत ज्‍यादा बढ़ा हुआ है। चीन आए दिन दक्षिण चीन सागर में फिलीपीन्‍स को धमका रहा है और उसकी नौसेना के साथ धक्‍का मुक्‍की कर रहा है। इसी वजह से फिलीपीन्‍स ने एंटी शिप ब्रह्मोस मिसाइल खरीदी है। फिलीपीन्‍स ब्रह्मोस मिसाइल के लिए पश्चिमी लुजोन में नौसैनिक अड्डा बना रहा है। इन मिसाइलों का मुंह भी चीन की ओर है।