
कोरोना वायरस (coronavirus) के कहर से जूझ रहे ब्रिटेन (Coronavirus in UK) में एक व्यक्ति 11 दिन तक उठ नहीं पाया लेकिन ठीक होने के बाद वह अपने पैरों पर घर गए। अस्पताल के स्टाफ ने उन्हें तालियों के साथ विदा किया।
कोरोना वायरस से संक्रमित हुए ब्रिटेन के एक शख्स पॉल स्केग का पूरा शरीर पैरेलाइज हो गया था। 11 दिन तक इसी हालत में रहने के बाद आखिरकार वह ठीक हो गए और अपने पैरों पर चलते हुए अस्पताल से बाहर निकले। इस दौरान मेडिकल स्टाफ ने तालियां बजाकर उन्हें विदा किया। कुछ ही दिनों पहले पॉल ने सगाई की थी। पॉल की मंगेतर ने फूलों से उनका स्वागत किया।
अस्पताल के डॉक्टर जोनाथन ने बताया कि यह बहुत ही कम केस में होता है जब कोरोना की वजह से शरीर को लकवा मार जाए। उनका ठीक होना किसी चमत्कार से कम नहीं है। पॉल वेंटिलेटर पर थे। उनकी थेरेपी में इम्यूनोग्लोब्लीन का इस्तेमाल किया गया जो एक तरह का प्लाज्मा है। अगर यह थेरेपी न अपनाई जाती तो पॉल पता नहीं कितने दिन तक वेंटिलेटर पर ही रहते।
पॉल को 3 अप्रैल को सांस लेने में तकलीफ हुई तो अस्पताल में भर्ती कराया गया। बाद में उनके शरीर के कुछ हिस्सों ने काम करना बंद कर दिया था। पॉल के ठीक होने के बाद उनकी मंगेतर ने अपने फेसबुक ग्रुप में यह खबर शेयर की। उन्होंने कहा कि अब हम दोनों जल्द ही शादी करने वाले हैं। पॉल और उनकी मंगेतर लेवेंडर नैशनल हेल्थ सर्विस के लिए रेडियोग्राफर का काम करते हैं। लेवेंडर ने कहा कि हम जल्द ही काम पर लौटकर कोरोना से जूझ रहे मरीजों की मदद करना चाहते हैं।
‘मुझे लगा कभी नहीं जाग पाऊंगा, आज चल रहा हूं’
बेल्जियम के एक यूरोलॉजिस्ट ने कोरोना से जंग जीत ली है। अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद उन्होंने अपना अनुभव शेयर किया। उन्होंने बताया कि वह तीन हफ्ते तक कोमा में रहे। डॉक्टरों ने इलाज जारी रखा, जिसकी बदौलत वह जीवित हैं। 58 वर्षीय एंटोनी ने कहा कि मुझे लगा मैं अपना अंत देख रहा हूं, मैं मरने जा रहा हूं और कभी नहीं उठूंगा। उन्होंने कहा कि इस दौरान मैंने अपने पिता को देखा, जिनकी मृत्यु चार साल पहले हो गई थी। मैंने उनके साथ बात भी की। मुझे नहीं पता चला मैं कब कोमा में गया, लेकिन जब आंख खुली तो मेरी आंखों के सामने मेरे दोस्तों का चेहरा था।
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