
भारत के लॉकडाउन के पूरी दुनिया में चर्चे हो रहे हैं। भारत की 130 करोड़ जनता के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लिए गए फैसले की विदेशी मीडिया जमकर तारीफ कर रहा है। PM मोदी के बाद ब्रिटेन में एक भारतीय मूल के डॉक्टर के फैसले की खूब चर्चा हो रही है। जानकारी के अनुसार ब्रिटेन में एक भारतीय मूल के अभियान के बाद ब्रिटिश सरकार ने कोरोना को लेकर दिशा-निर्देश बदल दिए हैं।
भारतीय मूल के डॉक्टर निशांत जोशी (31) के अभियान के चलते ब्रिटिश सरकार को पूर्व में जारी निर्देशों में बदलाव करना पड़ा है। जोशी ब्रिटेन के अस्पतालों में कोरोना संक्रमितों का इलाज कर रहे चिकित्सा पेशेवरों के बेहतर व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई) मुहैया कराने के लिए अभियान चला रहे हैं। डा. जोशी पिछले कई हफ्तों से सोशल मीडिया पर राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा (एनएचएस) के तहत कोरोना वायरस के संक्रमितों का इलाज कर रहे चिकित्सा पेशेवरों के समक्ष पीपीआई की कमी का मुद्दा उठा रहे थे।
वह चिकित्सा कर्मियों के बेहतर सुरक्षा उपकरणों के लिए स्पष्ट दिशा निर्देश देने की मांग कर रहे हैं। निशांत जोशी ने शुक्रवार को ब्रिटिश सरकार के अद्यतन दिशा-निर्देश का स्वागत किया, जिसमें सर्जिकल मास्क को अनिवार्य किया गया। दक्षिण पूर्व इंग्लैंड के बेडफोर्डशायर में डॉक्टर ने कहा कि यह बड़ी जीत है, आपने ध्यान दिया कि हमने पीपीई की लड़ाई जीत ली है। सरकार ने दिशा-निर्देशों में बदलाव कर अस्पताल में सभी जगह सर्जिकल मास्क और मरीजों से संपर्क के दौरान एफएफपी-2 मास्क का इस्तेमाल करना आवश्यक कर दिया है।
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