
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने 2036 तक राष्ट्रपति पद पर आसीन रहने के इरादे से बनाए गए विधेयक पर दस्तखत कर दिए हैं। इसके साथ ही आजीवन पद पर बने रहने का उनका रास्ता साफ हो गया है। पुतिन का कार्यकाल 2024 तक रहने वाला था लेकिन पिछले साल जन समर्थन के साथ रूस के संविधान को बदल दिया गया। अब विधेयक पर दस्तखत के साथ यह कानून बन गया है। अब अगर पुतिन फिर से चुनाव लड़ते हैं और जीतते हैं तो 2036 तक पद पर रह सकते हैं।
2000-2036 का रास्ता : पुतिन ने पहली बार 2000 में राष्ट्रपति चुनाव में जीत हासिल की थी जब बोरिस येल्टसिन ने इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद वह 2004 में फिर जीते और 2008 में प्रधानमंत्री बन गए जब दिमित्री मेदवेदेव राष्ट्रपति थे। 2012 में पुतिन 6 साल के लिए राष्ट्रपति पद पर लौटे और मेदवेदेव पीएम हुए। वह साल 2018 में चौथे कार्यकाल के लिए लौटे लेकिन बिना संवैधानिक संशोधन के 2024 में लौटना मुश्किल था।
IndianZ Xpress NZ's first and only Hindi news website