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कनाडा के आरोप गंभीर, भारत जांच में दे साथ… अमेरिका ने भारत-कनाडा विवाद पर तोड़ी चुप्पी, ट्रूडो के मन की कही बात


कनाडा और भारत के बीच राजनयिक तनाव है। कनाडा ने भारतीय अधिकारियों पर हत्या में शामिल होने आरोप लगाया है। इसके बाद भारत ने कनाडा के छह राजनयिकों को निकाल दिया है। वहीं इस मामले में अब अमेरिका ने चुप्पी तोड़ी है। अमेरिका ने कहा कि भारत को जांच में साथ देना चाहिए।
भारत और कनाडा के बीच के विवाद में अब अमेरिका भी कूद गया है। कनाडा ने फिर आरोप लगाया है कि हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत के अधिकारियों का हाथ है। इसके साथ उसने भारत के उच्चायुक्त समेत छह राजनयिकों को वापस जाने को कह दिया। इन आरोपों के बाद कनाडा और भारत के बीच राजनयिक तनाव बढ़ गया है। कनाडा ने मंगलवार को बताया कि उसने ‘फाइव आई’ (ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, न्यूजीलैंड, यूके और अमेरिका) को इस बारे में सूचना दी है। अब अमेरिका ने भारत से जांच में सहयोग करने का आग्रह किया है। उसने कनाडा के आरोपों को बेहद गंभीर बताया।
अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा कि अमेरिका को भारत के साथ सहयोग की उम्मीद थी। लेकिन कनाडाई उच्चायुक्त को निष्कासित करने के उनके फैसले से संकेत मिलता है कि उसने एक ‘दूसरा रास्ता’ चुना है। एक प्रेस ब्रीफिंग के दौरान मिलर ने कहा, ‘जब कनाडा के मामले की बात आती है तो हमने साफ कर दिया है कि आरोप बेहद गंभीर हैं और उन्हें गंभीरता से लिया जाना चाहिए। हम चाहते हैं कि भारत सरकार अपनी जांच में कनाडा का सहयोग करे। जाहिर है, उन्होंने वह रास्ता नहीं चुना है।’
भारत-कनाडा के बीच बढ़ा तनाव – कनाडा ने भारत की सरकार, उसके अधिकारियों और खुफिया एजेंसी रॉ पर कनाडाई नागरिकों की हत्या कराने का आरोप लगाया। इन आरोपों के बाद भारत और कनाडा के बीच का राजनयिक तनाव सोमवार को तब और बढ़ गया जब भारत ने अपने उच्चायुक्त समेत छह राजनयिकों को वापस बुलाने की घोषणा कर दी। इसके अलावा कनाडा के छह राजनयिकों को बाहर कर दिया। विदेश मंत्रालय ने कनाडा की ओर से भारतीय अधिकारियों को निशाना बनाने को निराधार बताया है। साथ ही कहा कि कनाडा के कारण उनकी सुरक्षा खतरे में है।
‘भारत एक महत्वपूर्ण पार्टनर’ – मिलर ने यह भी साफ कहा कि हाल के महीनों में भारत के साथ ‘सीनियर मोस्ट लेवल’ पर बातचीत चल रही थी। उन्होंने कहा कि तनाव के बावजूद अमेरिका अभी भी भारत को एक महत्वपूर्ण पार्टनर के रूप में देखता है। खास तौर से एक स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र पर दोनों देशों का एक साझा दृष्टिकोण है। उन्होंने कहा, ‘भारत यूएस का अविश्वसनीय रूप से मजबूत भागीदार बना है। जब भी दोनों देशों के बीच चिंता होती है तो वे खुलकर बातचीत करते हैं।’