साल 2026 का पहला चंद्र ग्रहण 3 मार्च, के दिन पड़ रहा है। इसी दिन रंगों का त्योहार होली भी पड़ रहा है। यह एक खण्डग्रास चंद्र ग्रहण होगा, जो भारत के कुछ हिस्सों में दिखाई देगा। वैदिक ज्योतिष के अनुसार ग्रहण का प्रभाव पृथ्वी के सभी जीवों पर पड़ता है। ऐसे में होली और चंद्र ग्रहण का एक साथ …
Read More »Spirituality
शुभाशुभ कर्मों को भोगने के पश्चात ही देह छूटती है और संचित कर्म समाप्त होने पर ही मोक्ष का द्वार खुलता है
प्रारब्ध कर्मों को भोगने के अनुरूप ही शरीर, स्वास्थ्य, स्त्री, पुत्र आदि, सुख-दुःख इत्यादि जीव को अपने जीवन काल में आकर मिलते हैं और जब तक वह उन प्रारब्ध कर्मों को पूरा-पूरा भोग नहीं लेता तब तक उसे उस देह से छुटकारा नहीं मिल सकता है। संचित कर्म जब फल देने के लिए तैयार हो जाते हैं तो उन्हें प्रारब्ध …
Read More »भाग्य लिखावट में परिवर्तन करना कठिन है लेकिन असंभव नहीं
भाग्य बदलना बड़ा काम है, लेकिन शुरुआत एक छोटी-सी सीख से भी हो सकती है। जीवन में छोटा परिवर्तन, एक छोटी-सी सीख, भी अन्तर्मन का दोष दूरकर भाग्य परिवर्तन की शुरुआत कर सकती है। एक सेठ के यहां एक महात्मा आए। सेठ ने बड़े आदर-भाव से उनका सत्कार किया। जब महात्मा जी विदा होने लगे तो सेठ ने विनम्र होकर …
Read More »खाना खाने के बाद क्यों लेना चाहिए कुम्भकर्ण और भीम का नाम, जानें शास्त्रों में बताया गया रहस्य
भारतीय संस्कृति में भोजन के बाद शतपावली का विधान है, जो पाचन क्रिया को सक्रिय कर बीमारियों से बचाता है। आयुर्वेद के अनुसार, यह वात, पित्त, कफ को संतुलित करता है। भोजन के तुरंत बाद लेटना या बैठना हानिकारक है, जबकि पेट पर दक्षिणावर्त हाथ फेरना पाचन को सुधारता है। भारतीय संस्कृति में हर परंपरा के पीछे कोई न कोई …
Read More »दुनिया में कब लगने जा रहा अगला सूर्यग्रहण, दिन में छाएगा अंधेरा, जानें किन-किन देशों में दिखेगा अद्भुत नजारा
सूर्य ग्रहण एक अद्भुत खगोलीय घटना है, जब चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच आ जाता है। इससे सूर्य का प्रकाश कुछ समय के लिए रुक जाता है, सूर्य ग्रहण अमावस्या के दौरान होता है। सूर्य और चंद्र ग्रहण देखना ना सिर्फ खगोल विज्ञान में दिलचस्पी रखने वालों बल्कि आम लोगों के लिए भी खास अवसर होता है। बीते साल …
Read More »रावण के आते ही माता सीता क्यों उठा लेती थीं घास का तिनका, जानें क्या है इस तिनके का रहस्य
रावण ने सीता माता को अशोक वाटिका में रखा था। रावण सीताजी को लंका जबरन ले तो गया लेकिन महाशक्तिशाली होने के बावजूद कभी भी उन्हें स्पर्श करने का साहस न कर सका। जब भी रावण सीताजी के सामने आता तो माता एक घास का तिनका उठा लेती थीं। इस तिनके के रहस्य के पीछे माता सीता का एक चमत्कार …
Read More »मंत्र और स्तुति की रहस्यमयी शक्ति का प्रमाण, जब ध्वनि तरंगों से प्रकट हुआ कालभैरव का स्वरूप
शब्द, मंत्र और स्तुतियों में सूक्ष्म शक्तियां निहित हैं जो कंपन के माध्यम से स्वरूप धारण करती हैं। वैज्ञानिक प्रयोगों और प्राचीन अनुभवों से सिद्ध हुआ कि हर शब्द की अपनी आकृति और ऊर्जा होती है, कालभैरव की स्तुति करने पर वैज्ञानिकों ने पाया कि स्तुति में निहित शब्दों के कंपन ने साक्षात कालभैरव का स्वरूप दिखाया। प्रत्येक शब्द की …
Read More »देवी-देवताओं की अनेक भुजाओं का क्या है रहस्य, जानें उनकी शक्ति और गुणों का गूढ़ अर्थ
हिंदू धर्म में आपने देवी-देवताओं की मूर्ति या फिर प्रतिमा में देखा होगा कि उनकी दो से अधिक भुजाएं होती हैं। इन भुजाओं में देवी-देवताओं ने अलग-अलग अस्त्र-शस्त्र आदि धारण करते हैं। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि देवी-देवताओं की इतनी भुजाएं होने का क्या अर्थ होता है। हिंदू धर्म में आपने देवी-देवताओं की मूर्ति या फिर प्रतिमा …
Read More »Dhanteras 2025: धनतेरस पर इन चीजों की खरीदारी से बढ़ेगा 13 गुना धन, मिलेगा मां लक्ष्मी का आशीर्वाद
धनतेरस का त्योहार 18 अक्टूबर 2025, शनिवार को मनाया जाएगा। इस दिन धन व समृद्धि की देवी मां लक्ष्मी और भगवान धन्वंतरि की पूजा का विशेष महत्व है। धनतेरस पर कुछ खास चीजें खरीदना घर में सुख-शांति और धन वृद्धि के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। धनतेरस का त्योहार कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया …
Read More »धनतेरस से यमद्वितीया तक, पर्व पूजन का शास्त्रीय और ज्योतिषीय महत्व, जो करता है धन, समृद्धि और आयु वृद्धि
धनतेरस, नरक चतुर्दशी, दीपावली, गोवर्धन पूजा, यमद्वितीया आदि सभी पर्वों का अपना वैज्ञानिक महत्व है। इसके पूजन, अर्चन में ही छिपा है ज्योतिषीय तत्व। जो लोग विधि विधान तथा शास्त्रीय ढंगसे इन पर्वों पर पूजन करते हैं, धन धान्य के साथ ही उनकी आयु में वृद्धि होती है। भारतीय संस्कृति में पर्व न केवल संस्कारों के पोषक रहे हैं अपितु …
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