अगर आपके बच्चे को भी निमोनिया हो गया है और आप इसे जल्द से जल्द ठीक करना चाहते है, तो उसे ऐसे फूड्स खिलाएं जो निमोनिया के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकते हैं।
अक्सर बच्चे निमानिया की चपेट में आ जाते हैं और इसी वजह से उनके काफी कुछ झेलना पड़ता है। निमोनिया में बच्चे की स्वास्थ्य स्थितिमें काफी गिरावट आ जाती है और इस समय उसकी सेहत में सुधार लाने के लिए उसे न सिर्फ दवाओं की जरूरत पड़ती है बल्कि कुछ खास फूड्स भी इस बीमारी से लड़ने में मदद कर सकते हैं।
निमोनिया एक ऐसा इंफेक्शन है जिसमें फेफड़ों की एक या दोनों हवा की थैलियों में फ्लूइड भर जाता है जिसकी वजह से बलगम, बुखार, ठंड लगने और सांस लेने में दिक्कत आने जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। यूनिसेफ के अनुसार हर साल निमोनिया से सात लाख मौतें होती हैं जिसका मतलब है कि रोज दो हजार लोगनिमोनिया से मरते हैं। अगर आपके बच्चे को भी निमोनिया हो गया है, तो आप आज से ही डॉक्टर से सलाह लेने क बाद अपने बच्चे के आहार में यहां बताए गए फूड्स को शामिल करना शुरू कर दें।
निमोनिया में क्या खाएं – इस समय बच्चे को प्रोटीन से भरपूर चीजें खिलानी चाहिए जैसे कि नट्स, बीज, बींस और फिश। ये फूड्स इम्यूनिटी को बढ़ाने में मदद करते हैं और निमोनिया के लक्षणों को रोकते हैं। इनकी मदद से शरीर में उैमेज हुए ऊतकों की मरम्मत होती है और नए ऊतक भी बनते हैं। इसके अलावा आपको अपने बच्चे को हरी पत्तेदार सब्ज्यिां जैसे कि पालक और लेट्यूस आदि खिलाने चाहिए। इनमेंए एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो हमारे शरीर को इंफेक्शन से बचाते हैं।
साबुत अनाज खाएं – ब्राउन राइस, जौ और ओट्स मे कार्बोहाइड्रेट, सिलेनियम और विटामिन बी होता है जो बॉडी को एनर्जी देने के साथ-साथ इम्यूनिटी को भी मजबूत करते हैं। आप अपने बच्चे काे निमोनिया होने पर डॉक्टर से सलाह लेकर साुबन अनाज खिलाना शुरू करें।
शहद और अदरक – शहद और अदरक में एंटी-इफ्लामेट्री गुण होते हैं जो सांस से संबंधित बीमारियों को ठीक करने में मदद करते हैं। इसके अलावा निमोनिया में पानी पीना भी फायदेमंद होता है। इससमें फेफड़ों में जमा म्यूकस ढीला होकर शरीर से बाहर निकल जाता है। इसलिए आप इस समय अपने बच्चे को ज्यादा से ज्यादा पानी पिलाने की कोशिश करें।
खट्टे फल – खट्टे फल विटामिन सी से युक्त होते हैं और इन फलों की लिस्ट में संतरा, बैरीज और कीवी का नाम आता है जो इम्यूनिटी को बढ़ाने में मदद करते हैं और जल्दी रिकवरी करते हैं। इनमें एंटीऑक्सीडेंट भी होते हैं जो शरीर की बाहरी कणों से रक्षा करते हैं।
Ncbi के मुताबिक विटामिन सी की अधिक खुराक (250 से 800 मिलीग्राम/दिन) लने से विटामिन सी सप्लीमेट लेने वाले लोगों की तुलना में अस्पताल में रहने की अवधि में 19% की कमी आई। जबकि विटामिन सी (500 मिलीग्राम से 1.6 ग्राम/दिन) की हाई डोज से निमोनिया की अवधि को 36% कम कर दिया।
मेथीदाने की चाय – इस चाय की मदद से लगातार हो रही खांसी को रोका जा सकता है। मेथीदाने के बीज बुखार के दौरान शरीर के तापमान को नीचे लाने में मदद करते हैं। ncbi की एक रिसर्च में यह साफ हुआ है कि मेथीदाने से नाक बंद होने, साइनोसाइटिस, खांसी और बलगम बनने के लक्षणों में कमी आती है।