
चीन के नए नक्शे के साथ बवाल बढ़ता ही जा रहा है। भारत समेत पांच देशों ने उसके इस नए नक्शे का विरोध किया है। लेकिन सिर्फ इन देशों के हिस्सों पर रूस ने अपना दावा किया हो, ऐसा नहीं है। रूस का नया नक्शा उसके करीबी रूस के साथ भी तनाव पैदा कर सकता है। इसकी वजह है चीन का पूर्वी रूस में एक पूरे द्वीप पर दावा किया जाना। चीन ने अपने नए नक्शे में रूस की सीमा पर स्थित इस द्वीप पर दावा करके नए बवाल को जन्म दे दिया है। चीन ने जो नक्शा जारी किया है उसमें उसने रूस के अमूर क्षेत्र में बोल्शोई उस्सुरस्की द्वीप पर दावा कर दिया है। माना जा रहा है कि उसका यह कदम रूस के साथ तनाव पैदा कर सकता है।
चीन करता आया है अपना दावा – बोल्शोई उस्सुरस्की द्वीप अमूर और उस्सुरी नदियों के संगम पर है और रूस के खाबरोवस्क शहर के करीब है। चीन-रूस के संबंधों के विशेषज्ञों की मानें तो ऐसे में यह द्वीप रणनीतिक तौर पर काफी महत्वपूर्ण हो जाता है। रूस ने साल 2004 में एक संधि के तहत द्वीप का एक हिस्सा चीन को सौंप दिया था। जबकि चीन यह कहता आया है कि सदियों पहले उसे सन् 1858 और 1860 की दो संधियों के तहत यह क्षेत्र जारिस्ट रूस को सौंपने के लिए मजबूर किया गया था। नक्शा विवाद दोनों देशों के बीच रिश्तों में नया विवाद हो ऐसा नहीं है। हाल ही में रूस-कजाखिस्तान सीमा पर हुई एक घटना में पांच चीनी नागरिकों को रूसी अधिकारियों द्वारा चार घंटे की जांच के बाद भी रूस में दाखिल होने से रोक दिया गया था। आखिर में उनके वीजा तक रद्द कर दिए गए थे।
चीनी नागरिकों का वीजा कैंसिल – इसके बाद मॉस्को स्थित चीन के दूतावास ने रूस पर वीबो सोशल मीडिया अकाउंट के जरिए हमला बोला था। दूतावास ने पांच अगस्त को वीबो पर एक पोस्ट में कहा, ‘इस घटना में रूस की तरफ से जो भी कदम उठाया गया वह क्रूर था जिसके तहत बहुत ज्यादा कानूनों का प्रयोग कर चीनी नागरिकों के अधिकारों और हितों को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचाया गया है। चीन ने सार्वजनिक तौर पर आलोचना का सहारा तब भी लिया जब रूस के विदेश मंत्रालय ने साफ कर दिया था कि चीनी नागरिकों के खिलाफ कोई भेदभावपूर्ण नीति के तहत कार्रवाई नहीं की गई है। रूस का कहना था कि पांच चीनी नागरिकों के वीजा आवेदन में जो डेस्टिनेशन दी गई थी वह ओरिजनल डेस्टिनेशन से काफी अलग थी।
यूक्रेन युद्ध की वजह से मतभेद – यूक्रेन युद्ध की वजह से भी दोनों देशों में मतभेद हैं। पिछले साल फॉरेन अफेयर्स में एक आर्टिकल में चीन के थिंक टैंक त्सिंगहु यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर यान श्येतोंग ने कहा, ‘रूस का यूक्रेन युद्ध चीन के लिए एक रणनीतिक दुविधा पैदा कर रहा है। इस संघर्ष ने अरबों डॉलर के चीनी व्यापार को बाधित किया है, पूर्व एशिया में तनाव को बढ़ा दिया है, और लोगों को रूस समर्थक और रूस विरोधी खेमे में बांट दिया है।’ उनका कहना था कि युद्ध की वजह से चीन के अंदर राजनीतिक ध्रुवीकरण और गहरा हो गया है।
Home / News / चीन ने तो अपने दोस्त को भी नहीं छोड़ा! नए नक्शे में रूस के एक द्वीप पर किया दावा, बढ़ सकती है टेंशन
IndianZ Xpress NZ's first and only Hindi news website