
भारत में कोरोना वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों सीरम इंस्टिट्यूट और भारत बायोटेक पर चीनी हैकरों के हमले की खबर का चीन ने खंडन किया है। चीन के विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर ऐसी ‘अटकलों’ को ‘गैरजिम्मेदाराना’ बताया है। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने दावा किया था कि चीनी हैकरों ने इस हमले के जरिए इंटलेक्चुअल प्रॉपर्टी को निशाना बनाने और वैक्सीन उत्पादन की प्रतिस्पर्धा में बढ़त हासिल करने की कोशिश की।
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा है, ‘चीन सभी साइबर हमलों का विरोध करता है और उनके खिलाफ कार्रवाई करता है। साइबर हमलों के मुद्दे पर अटकलों या फर्जी कहानी का कोई काम नहीं। बिना किसी पर्याप्त सबूत के किसी पार्टी पर आरोप लगाना गैर-जिम्मेदाराना है।’
रॉयटर्स ने साइबर इंटेलिजेंस फर्म सायफर्मा के हवाले से भारत में कोरोना वैक्सीन बना रही दोनों कंपनियों को चीनी सरकार समर्थित हैकरों से निशाना बनाए जाने की बात कही है। गोल्मैन सैक्स से जुड़ी कंपनी सायफर्मा के अनुसार चीनी हैकिंग ग्रुप APT10 ने भारत बायोटेक और सीरम इंस्टिट्यूट के आईटी इन्फ्रटास्ट्रक्चर में खामियों का फायदा उठाकर सेंध लगाई थी।
ब्रिटिश खुफिया एजेंसी MI6 में साइबर से जुड़े बड़े अधिकारी रह चुके सायफर्मा के चीफ एग्जिक्युटिव कुमार रीतेश के मुताबिक APT10 सीरम इंस्टिट्यूट को टारगेट कर रहा था, सीरम कई देशों के लिए एस्ट्राजेनका की वैक्सीन बना रहा है। जल्दी ही सीरम नोवावैक्स का उत्पादन भी बड़े पैमाने पर करने वाला है। हैकरों को इस कंपनी के कई सर्वर्स कमजोर मिले। हैकर्स ने कमजोर वेब ऐप्लिकेशन और कमजोर कंटेट मैनेजमेंट सिस्टम की बात भी कही, यह काफी चिंताजनक है।
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