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पूरी दुनिया पर चाहते हैं चीन का राज, अब शी जिनपिंग की नजर ताइवान पर, क्यों कहे जाते हैं पुतिन से भी खतरनाक?


चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग अपनी ज्यादातर तस्वीरों में मुस्कुराते हुए दिखेंगे। दुनिया के किसी भी राजनेता के साथ जब शी जिनपिंग खड़े होते हैं तो उनके चेहरे पर एक पतली मुस्कान होती है। शी जिनपिंग दिखने में खतरनाक नहीं हैं। लेकिन एक्सपर्ट्स लंबे समय से वॉर्निंग देते रहे हैं कि उनकी आंखों में दुनिया पर कब्जा करने का सपना है। सत्ता में रहने के दौरान उन्होंने उइगरों के मानवाधिकारों का घोर हनन किया है। हांगकांग में स्वतंत्रता का गला घोंटा और अब वह ताइवान पर कब्जे की तैयारी में हैं।
शी जिनपिंग 70 साल के हैं और 2013 से ही लगभग 1.4 अरब लोगों पर शासन कर रहे हैं। विश्लेषक उन्हें चेयरमैन माओ के बाद सबसे बड़ा सत्तावादी नेता मानते हैं। उन्होंने चीन पर अपनी पकड़ मजबूत करने और अपने खिलाफ आंतरिक खतरों से लड़ने में एक दशक से अधिक का समय बिताया है। मार्च 2023 के कथित चुनाव में शी जिनपिंग ने रिकॉर्ड तोड़ तीसरा कार्यकाल हासिल किया, क्योंकि उनके खिलाफ कोई भी उम्मीदवार खड़ा नहीं हुआ।
जनता के खिलाफ जिनपिंग की क्रूरता- चीन की जनता पर शी जिनपिंग का शासन कम निर्दयी नहीं रहा है। उन्होंने असहमति पर कड़ी कार्रवाई की है। अपने हजारों आलोचकों को गिरफ्तार किया है और प्रोपेगेंडा फैलाने के लिए सेना के आकार का कार्यबल लगाया है। अधिकार समूहों का कहना है कि शिनजियांग प्रांत में दस लाख से ज्यादा उइगर मुस्लिमों और अन्य जातीय अल्पसंख्यकों को तथाकथित पुन: शिक्षा शिविरों में कैद किया गया है। चीन की इस नीति को अमेरिका नरसंहार कहता आया है।
पुतिन से भी खतरनाक जिनपिंग – आलोचकों का कहना है कि शी जिनपिंग ने अपनी छवि एक दयालु, पितृसत्ता और गरीबी से लड़ने वाले नेता के रूप में बना रखी है। लेकिन असल में वह बेहद क्रूर और पत्थर दिल नेता हैं। अमेरिका और उसके पश्चिमी मित्र रूसी राष्ट्रपति पुतिन को एक खतरनाक नेता मानते आए हैं। पिछले साल पूर्व अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने कहा था कि जिनपिंग इतने खतरनाक हैं कि पुतिन उस मामले में इनके करीब भी नहीं आते। उन्होंने कहा, ‘जिनपिंग एक अलग प्राणी हैं। पुतिन को दुनिया पर हावी होने की अपनी क्षमता के बारे में कोई भ्रम नहीं है। लेकिन जिनपिंग हर किसी पर राज करना चाहते हैं और वह मानते हैं कि वह दुनिया पर राज करेंगे।’
ताइवान से फिर बढ़ा तनाव – ताइवान ने शनिवार को लाई चिंग-ते को अपना राष्ट्रपति चुना। इसके परिणामस्वरूप चीन के भड़कने की संभावना है। लाई की डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी चीन के साथ ताइवान के जाने को खारिज करती रही है। पार्टी तीसरी बार सत्ता में आई है और उनकी जीत चीन के साथ संबंधों की नई दिशा देगी। चीन ने ताइवान के मतदाताओं को चेतावनी दी थी कि यह चुनाव युद्ध और शांति के बीच है। चीन पर नजर रखने वालों को लंबे समय से इस बात का डर रहा है कि शी जिनपिंग ताइवान पर हमला करने के लिए सही समय का इंतजार कर रहे हैं।