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पाकिस्तान के गले की हड्डी बन रहा चीन का सीपीईसी, ना सस्ती बिजली मिली ना चुका पा रहा कर्ज, ड्रैगन की शरण में मंत्री


पाक पीएम शहबाज शरीफ ने जून में अपनी चीन की यात्रा के दौरान आईपीपी के ऋण को फिर से प्रोफाइल करने का अनुरोध किया था। अब पाकिस्तान के मंत्री चीन से इसी तरह की दरख्वास्त लेकर पहुंचे हैं। इस समय पाकिस्तान पूरी तरह चीन के कर्ज जाल में फंसता दिख रहा है।
चीन ने पाकिस्तान में कई प्रोजेक्ट बीते कुछ वर्षों में लगाए हैं। इनके लिए पाकिस्तान को एक बड़ी रकम चीन को चुकानी है। वहीं खराब आर्थिक स्थिति से जूझ रहा पाकिस्तान इस भारी भरकम कर्ज का ब्याज भी चुकाने में असमर्थ है। ऐसे में पाकिस्तान के वित्त मंत्री मोहम्मद औरंगजेब और योजना मंत्री अहसान इकबाल चीन पहुंचे हैं। पाकिस्तान के दोनों मंत्री चीन की सरकार से 15 अरब डॉलर के एनर्जी ऋण के पुनर्गठन (ब्याज दर कम करने और पुनर्भुगतान अवधि बढ़ाने) का अनुरोध करने गए हैं। चीन से अभी कोई भरोसा पाकिस्तान को नहीं मिला है, दूसरी ओर इस्लामाबाद में इसको लेकर सवाल उठ रहे हैं कि आखिर उनको इन सब प्रोजेक्ट से फायदा क्या हुआ है।
चीन में मौजूद पाकिस्तान के योजना मंत्री अहसान इकबाल ने दुनिया टीवी के कामरान खान से एक इंटरव्यू में माना कि उनका देश कर्ज चुकाने की हालत में नहीं है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान सीपीईसी के तहत बनाए गए स्वतंत्र बिजली परियोजनाओं (आईपीपी) के लिए चीनी ऋण भुगतान पर मुश्किल का सामना कर रहा है। पाकिस्तान की ओर से चीन को दिए जाने वाले आईपीपी मुनाफे के भुगतान को लेकर स्थिति बहुत कठिन है और लगभग डिफॉल्ट की हालात है। हालांकि चीनी नेतृत्व को बेलआउट पैकेज के लिए मनाने गए अहसान इकबाल को उम्मीद है कि चीन पाकिस्तान के बचाव में आएगा क्योंकि वह पूरी तरह से समझता है कि पाकिस्तान आज जिन आर्थिक कठिनाइयों का सामना कर रहा है।
एक्सपर्ट ने उठाए सवाल – दुनिया टीवी से बात करते हुए पाकिस्तान के एक्सपर्ट ने इस प्रोजेक्ट पर सवाल खड़े किए हैं। एक्सपर्ट का कहना है कि इन आईपीपी की वास्तविकता यह है कि सीपीईसी कार्यक्रम के तहत पाकिस्तान में कई बिजली संयंत्र स्थापित होने के 10 साल बाद भी देश अपने इतिहास के सबसे खराब ऊर्जा संकट का सामना कर रहा है। लोगों को घरेलू खपत और व्यवसायों के लिए महंगी बिजली खरीदने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।