
चीन का माइंडगेम, लद्दाख सीमा पर अब लाया बाहुबली तोपलद्दाख में भारत और चीन के बीच जारी तनाव के बीच चीन के सरकारी मीडिया ग्लोबल टाइम्स ने भारत के खिलाफ मनोवैज्ञानिक जंग छेड़ दी है। पहाड़ों के ऊपर युद्दाभ्यास और टैंक के वीडियो जारी करने के बाद अब ग्लोबल टाइम्स ने अत्याधुनिक तोपों की ‘धमकी’ दी है। ग्लोबल टाइम्स ने दावा किया कि चीन की सेना PLA ने भारत के साथ तनाव को देखते हुए अपनी सबसे आधुनिक तोप PCL-181 को लद्दाख सीमा पर तैनात किया गया है।
भारत से तनाव के बीच शामिल की तोप
ग्लोबल टाइम्स ने दावा किया कि इस तोप को हाल ही में सेना में शामिल किया गया है। चीनी अखबार ने कहा कि पीएलए की 75वीं ग्रुप आर्मी के तहत आने वाली ब्रिगेड ने हाल ही में दक्षिणी सीमा पर आयोजित समारोह में कई नए हथियारों को शामिल किया है। अखबार ने कहा कि वीकल पर चलने वाली यह तोप 155 एमएम की है और इसे पहली बार 1 अक्टूबर 2019 को नैशनल डे पर सेना की परेड में शामिल किया गया था।
‘वजन में हल्की, पहाड़ों पर कारगर’
चीनी अखबार ने कहा कि इस तोप का वजन केवल 25 टन है। इससे यह स्वचालित होवित्जर तोप बेहद आसानी से लंबे समय के लिए ले जाई जा सकती है। इससे पहले इस तरह की तोपों का वजन 40 टन होता था। कम वजन के कारण के यह तो ऊंचाई वाले इलाकों में बढ़त दिला सकती है जहां पर ऑक्सीजन की मात्रा कम होती है। कम ऑक्सीजन होने की वजह से इंजन की क्षमता प्रभावित होती है।
डोकलाम में भी तैनात की थी यह तोप
ग्लोबल टाइम्स ने दावा किया कि चीन की सेना ने वर्ष 2017 में डोकलाम विवाद के दौरान भी PCL-181 को तैनात किया था। इससे सीमा पर शांति की स्थापना में आसानी हुई। अखबार ने कहा कि भारत और चीन के बीच ताजा विवाद शुरू हो गया है। चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने बुधवार को कहा कि दोनों पक्षों ने आपसी सहमति के बाद तनाव कम करने के लिए कदम उठाए हैं। ग्लोबल टाइम्स ने कहा कि PCL-181 तोपों की तैनाती शनिवार को भारत-चीन के बीच सकारात्मक बातचीत से पहले की गई थी।
हुबेई प्रांत में चीनी सेना ने उतारे टैंक-तोप
चाइना सेंट्रल टेलीविजन ने कहा कि हुबेई प्रांत इस साल के शुरुआत में कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित था लेकिन अब यहां संक्रमण पूरी तरह से नियंत्रण में आ गया है। इसलिए सैनिकों को यहां युद्धाभ्यास के लिए उतारा गया है। चीनी थलसेना के रविवार को किए गए युद्धाभ्यास में सैकड़ों बख्तरबंद वाहन, टैंक, तोप और मिसाइल ब्रिगेड को एक स्थान से दूसरे स्थान पर तैनात किया गया। चीनी सेना ने 1 जून को भी तिब्बत के ऊंचाई वाले इलाके में आधी रात के घने अंधेरे में युद्धाभ्यास किया था। चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) की तिब्बत मिलिट्री कमांड ने सोमवार देर रात 4,700 मीटर की ऊंचाई पर सेना भेजी और कठिन हालात में अपनी क्षमता का परीक्षण किया था।
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