
मालदीव की सत्ता में आने के बाद से लगातार राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू चीन के साथ अपनी दोस्ती बढ़ाते रहे हैं। मोहम्मद मुइज्जू भारत विरोधी और चीन समर्थक राष्ट्रपति माने जाते हैं। हालांकि वह कहते रहे हैं कि वह किसी भी देश के साथ नहीं हैं, बल्कि वह मालदीव के लिए काम कर रहे हैं। लेकिन अब ऐसा लगता है कि चीन ने उन्हें अपने जाल में फंसा लिया है। चीन मालदीव को हर तरह की सुविधाएं देकर दक्षिण हिंद महासागर में भारत के करीब अपने प्रभाव को बढ़ाने में लगा है। पिछले महीने मोहम्मद मुइज्जू की चीन यात्रा के बाद अब ड्रैगन के इस काम में तेजी आ गई है।
कई उदाहरण सामने आए हैं, जो दिखाते हैं कि चीन मालदीव में अपना प्रभाव बढ़ाने में जुट गया है। चीनी उपप्रधानमंत्री लियू गुओझोंग की 24 जनवरी की यात्रा पहला उदाहरण है। अपनी यात्रा के दौरान गुओझोंग ने मालदीव के विदेश मंत्री मूसा जमीर से मुलाकात की। उनकी यह यात्रा बेहद गुपचुप तरीके से हुई है, जो दिखाता है कि संभवतः चीन यहां किसी तरह की साजिश में जुट गया है। हालांकि बातचीत के एजेंडे में मालदीव के पर्यटन को बढ़ावा देने से जुड़ी चीजें थीं। जैसे मालदीव के लिए जियामी एयरलाइन का सीधे उड़ान शुरू करना, स्थानीय नगर पालिकाओं के लिए चीन का समर्थन और सांस्कृतिक जुड़ाव को बढ़ावा देना।
चीन पहुंच रहे कम्युनिस्ट नेता – रिपोर्ट्स के मुताबिक चीन के शेडोंग प्रांत ने मालदीव के शहर, स्थानीय सरकार और लोक निर्माण मंत्रालयों को 10 नागरिक वाहन दान करने का फैसला किया है। नागरिक वाहन में कार, एंबुलेंस, ट्रक जैसी चीजें आती हैं। इसी तरह चोंगकिंग म्यूनिसिपल कमीशन ऑफ कल्चर एंड टूरिज्म डेवलपमेंट इस साल चीनी नव वर्ष के दौरान माले में प्रदर्शन करने के 14 सदस्यीय सांस्कृतिक समूह तैनात करेगा। मालदीव की सरकार ने देश में चल रही चीनी परियोजनाओं की प्रगति के समन्वय और निगरानी के लिए एक उच्च स्तरीय 15 सदस्यीय समिती के गठन का निर्णय लिया है।
Home / News / मालदीव में चीन की खुराफात शुरू, चीनी पीएम की चुपचाप यात्रा से उठे सवाल, जानें क्यों पहुंचे?
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