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खतरे में चीन के मुसलमानः खत्म की जा रही पहचान, रोजे रखने पर भी बैन


पूरी दुनिया चीन में मुसलमानों पर हो रहे अत्याचारों से वाकिफ है। चीन सरकार मुस्लिमों के खिलाफ अपने हिटलरी फरमान जारी करती रहती है । इस अल्पसंख्यक समुदाय को कुचलने के लिए शिनजियांग प्रांत में मुसलमानों की पहचान खत्‍म की जा रही है। वहां रहने वालों मुसलमानों के खिलाफ कड़े से कड़े प्रतिबंध लगाए जा रहे हैं। रमजान की शुरुआत होते ही मुस्लिम बहुल शिनजियांग प्रांत में सरकारी अधिकारियों, छात्रों और बच्‍चों के रोजे रखने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। चीन की सरकारी वेबसाइट पर इस बारे में निर्देश जारी किया गया।
शिनजियांग प्रांत में चीन की कम्‍युनिस्‍ट पार्टी के कैडर इस प्रतिबंध को लागू करने में जुटे हैं। यहां तक कि चीन का सबसे प्रमुख दोस्‍त पाकिस्‍तान भी इस मुद्दे पर कुछ कहने के लिए तैयार नहीं है। जबकि कुछ समय पहले व्‍यापारिक समझौते के लिए पाकिस्‍तान के पीएम इमरान खान ने चीन की यात्रा की थी। चीन का दावा है कि शिनजियांग उइगर ऑटोनॉमस रीजन (एक्‍सयूएआर) में सामाजिक स्थिरता बरकरार रखने के लिए ऐसा कर रहे हैं। हयूमन राइट्स वाच (एचआरडब्‍लू) की इसी हफ्ते जारी की गई रिपोर्ट में इस बारे में दावा किया गया है।

संयुक्त राष्ट्र की नस्ली भेदभाव उन्मूलन समिति ने उइगर मुस्लिमों के साथ किए जा रहे इस व्यवहार पर गंभीर चिंता व्यक्त की है। रिपोर्ट में कहा गया है कि रि-एजुकेशनल कैंपों में दौरों के बीच अधिकारी मुसलमानों से उनकी जिंदगी और राजनीतिक विचारों के बारे में पूछताछ करते हैं। एक तरह से वे उनका राजनीतिक शुद्धीकरण करना चाहते हैं। एचआरडब्‍लू की रिसर्चर माया बैंग ने बताया कि शिनजियांग में रहने वाले मुस्लिम परिवार अपने ही घर में कड़ी निगरानी में रहने को मजबूर हैं।

यहां तक कि वे क्‍या खाते हैं और कब सोते हैं, इस बारे में भी सीपीसी को खबर रहती है। संयुक्त राष्ट्र की निगरानी समूहों का कहना है कि उइगरों मुस्लिमों को चौकसी और सुरक्षा अभियानों के बहाने निशाना बनाया गया है। हजारों उइगर मुस्लिमों को हिरासत में रखा गया है और उन्हें विचारधारा बदलने वाले केंद्रों में भेज दिया गया है। विदेशों से शिनजियांग प्रांत में लौटने वाले सैकड़ों उइगर छात्र गायब हो गए हैं। उनमें से कई हिरासत में हैं और कई हिरासत में मर भी चुके हैं।