मालदीव की सत्ता में बदलाव आ गया है। मोहम्मद मुइज्जू जीतने के बाद चीन के गुलाम की तरह काम कर रहे हैं। चीन के कथित रिसर्च जहाज ‘जियांग यांग होंग 3′ को मालदीव में रुकने की इजाजत दी गई है। मालदीव का कहना है कि यह जहाज मालदीव के जलक्षेत्र में कोई रिसर्च कार्य नहीं करेगा। लेकिन भारतीय रक्षा प्रतिष्ठान के सूत्रों ने कहा कि भारत जहाज की आवाजाही पर नजर रखे हुए है। यह कोई रहस्य नहीं है कि चीन के जहाज भारत के तट पर रुकते हैं और यह अक्सर नौसेना के मिसाइल कार्यक्रम के साथ मेल खाता है। पिछले साल चीन का ऐसा ही जहाज श्रीलंका के तट पर पहुंचा था। भारत ने इस पर की आपत्ति के बाद श्रीलंका ने इसे रुकने से मना कर दिया था।
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक समुद्री डेटा दिखाते हैं कि जहाज ने मूल रूप से श्रीलंका के बंदरगाह पर रुकने की योजना बनाई थी। 22 जनवरी को इंडोनेशिया में जकार्ता के तट पर जावा सागर में इसे देखा गया था। 8 फरवरी को मालदीव की राजधानी माले में यह जहाज रुकेगा। पिछले कुछ वर्षों में चीन ने श्रीलंका के साथ अपने संबंधों का फायदा उठाया और हिंद महासागर क्षेत्र में टोह लेने के लिए कोलंबो या हंबनटोटा बंदरगाहों पर जहाज को रोका। जियांग यांग होंग 3 के भी श्रीलंका में रुकने की उम्मीद थी, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। श्रीलंका ने दिसंबर 2023 में एक साल के लिए विदेशी रिसर्च जहाजों को इजाजत से इनकार कर दिया।
Home / News / चीन की नई चाल, श्रीलंका ने नहीं दिया भाव तो मालदीव में खोजा नया ठिकाना, भारत के लिए कितना खतरा?