
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की सार्वजनिक रूप से आलोचना करना चीन के एक बड़े बिजनसमैन को भारी पड़ गया। कोरोना वायरस से निपटने के मुद्दे पर शी जिंपिंग के खिलाफ बोलने पर सरकारी रियल एस्टेट कंपनी के पूर्व अध्यक्ष रेन झिकियांग को भ्रष्टाचार के आरोप में 18 साल के लिए जेल भेज दिया गया है। इससे पहले चीनी अरबपति को सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था।
चीन की राजधानी पेइचिंग की एक अदालत ने कहा कि रेन झिकियांग भ्रष्टाचार के दोषी पाए गए हैं। रेन पर करोड़ों डॉलर की घूस लेने का भी आरोप लगाया गया था। जज ने रेन को 18 साल जेल की सजा सुनाई और छह लाख 20 हजार डॉलर का जुर्माना भी लगाया। कोर्ट ने यह भी कहा कि रेन ने खुद ही अपने सभी आरोप स्वीकार कर लिए और उनके पास से अवैध धन बरामद होने के बाद कोर्ट के फैसले को मान लिया।
अमेरिकी टीवी चैनल सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक चीन में नेतृत्व पर सवाल उठाने वाले लोगों के खिलाफ अक्सर भ्रष्टाचार का आरोप लगाकर उन्हें जेल में डाल दिया जाता है। प्रेस पर नियंत्रण (सेंसरशिप) और अन्य संवेदनशील विषयों के बारे में अपनी बेबाक राय रखने वाले रेन झिकियांग मार्च में एक लेख ऑनलाइन प्रकाशित करने के बाद से ही सार्वजनिक रूप से नहीं दिखे हैं।
इस लेख में रेन ने शी जिनपिंग पर वुहान में दिसंबर में शुरू होने वाले प्रकोप को नहीं संभाल पाने का आरोप लगाया था। बीजिंग में शीचेंग जिले के अनुशासन निरीक्षण आयोग ने अपनी वेबसाइट पर कहा कि 69 वर्षीय रेन पर भ्रष्टाचार, गबन, रिश्वत लेने और सरकार के स्वामित्व वाली एक कंपनी में अपने पद का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया था।
एजेंसी ने कहा कि हॉयुआन समूह के पूर्व अध्यक्ष और पार्टी के उप सचिव को सत्तारूढ़ पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है। उसने अपराध के बारे में कोई विवरण नहीं दिया। चीन में 2012 में सत्तारूढ़ पार्टी के नेता बने शी ने आलोचनाओं को दबाने, सेंसरशिप को सख्त करने और गैर आधिकारिक संगठनों पर नकेल कसने का काम किया है। दर्जनों पत्रकार, श्रम और मानवाधिकार कार्यकर्ता और अन्य लोग कैद किए गए हैं।
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