
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को माफिया बॉस कहने वाली काई शिया ने एक बार फिर से चीन की कम्युनिस्ट पार्टी पर बड़ा हमला बोला है। चीन की प्रसिद्ध सेंट्रल पार्टी स्कूल की पूर्व प्रफेसर और कम्युनिस्ट पार्टी की नेता रह चुकीं काई शिया ने कहा कि अमेरिका को चीन के खिलाफ अब दोगुने गति से कड़े कदम उठाने चाहिए। उन्होंने कहा कि चीन की कम्युनिस्ट पार्टी पूरी दुनिया के लिए खतरा है।
अमेरिकी टीवी चैनल सीएनएन को दिए साक्षात्कार में काई शिया ने कहा कि उन्होंने ट्रंप प्रशासन के हुवावे के खिलाफ कार्रवाई का समर्थन किया है। अमेरिका का कहना है कि हुवावे राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है जबकि चीनी कंपनी ने इसका खंडन किया है। उन्होंने चीन के शीर्ष अधिकारियों के खिलाफ प्रतिबंध लगाए जाने की अपील की। साथ ही विश्व समुदाय का आह्वान किया कि कम्युनिस्ट पार्टी के दुनियाभर की संस्थाओं में ‘घुसपैठ’ और राष्ट्रपति शी जिनपिंग के सर्वाधिकारवादी विचारों के प्रसार को रोकने के लिए साथ आएं।
काई शिया ने कहा कि चीन की कम्युनिस्ट पार्टी का इरादा अमेरिका के आधुनिक मानवता के स्वतंत्र और मुक्त तथा लोकतंत्र पर आधारित व्यवस्था की जगह पर अपनी व्यवस्था को लागू करना है। बता दें कि काई शिया ने पिछले दिनों आरोप लगाया था कि शी जिनपिंग माफिया बॉस बनने की कोशिश कर रहे हैं। चीनी राष्ट्रपति की आलोचना करने वाला एक ऑडियो वायरल होने के बाद काई शिया को पार्टी से निकाल दिया गया है।
जिनपिंग के पास असीमित शक्तियां
पिछले एक साल से अमेरिका में रह रहीं काई शिया ने पिछले दिनों द गार्डियन अखबार से बातचीत में कहा था कि शी जिनपिंग की शक्तियां असीमित हैं। देश में कोई भी उनका विरोध नहीं कर सकता। आप चीन और अमेरिका के बीच टकराव को देख सकते हैं। उन्होंने पूरी दुनिया को दुश्मन बना दिया है। जब उनसे पूछा गया कि आखिर चीन दुनिया को दुश्मन क्यों बनाएगा तो काई ने कहा कि वे देश की समस्याओं से जनता का ध्यान हटाना चाहते हैं। इसलिए एक रणनीति के तहत ऐसा किया जा रहा है।
चीन पर कोरोना महामारी छिपाने का आरोप
उन्होंने कोरोना वायरस के संक्रमण के लिए सीधे चीन को जिम्मदार ठहराया। उन्होंने कहा कि वुहान की महामारी पूरे देश और पूरी दुनिया में फैली हुई है और सभी को नुकसान पहुंचाया है। मौत के आंकड़ों को भी लेकर चीन ने जानकारियां छिपाई हैं। 7 जनवरी को ही चीनी सरकार को कोरोना संक्रमण की जानकारी मिल गई थी, लेकिन इसे 20 जनवरी तक किसी को नहीं बताया गया।
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