नई दिल्ली : चीन के एक प्रमुख अखबार ने भारत में नोटबंदी को ‘बड़ी असफलता’ बताया। अखबार ने लिखा कि नरेंद्र मोदी सरकार के इस फैसले से देश की अर्थव्यवस्था कम से कम 10 साल पीछे चली गई है। ग्लोबल टाइम्स ने अपने संपादकीय में लिखा कि 8 नवंबर को मोदी द्वारा 500 और 1,000 रुपए के नोट बंद करने की घोषणा बेघर लोगों को एक महीने के समय में मंगल पर घर देने जैसे वादे जैसी थी। अखबार ने लिखा कि नोटबंदी जिससे नौकरियां कम हो रही हैं। इसके अलावा, इस फैसले से बुजुर्ग नागरिकों को गंभीर मानसिक और शारीरिक कष्ट झेलना पड़ा जिन्होंने बैंक की कतारों में घंटों बिताए, उनमें से कुछ की मौत भी हो गई।
बिना समझ के लागू की गई नोटबंदी
अखबार ने लिखा कि नोटबंदी के बाद से देश की 86 फीसदी करंसी अवैध हो गई थी जिसके बाद नकदी का अभूतपूर्व संकट देखने को मिला था। टाइम्स ने डिजिटल लेन-देन की तरफ जाने की अपीलों के बीच भारतीयों को रही समस्या पर भी बात रखी है। अखबार ने लिखा कि बिना आधारभूत संरचना तैयार किए भारत कैसे रातोंरात कैश आधारित अर्थव्यवस्था से डिजिटल अर्थव्यवस्था में बदल सकता है।
अखबार ने लिखा कि यह पूरी कवायद बिना किसी तर्क या समझ के चलाई गई। भारतीय पत्रकार बरखा दत्त ने वॉशिंगटन पोस्ट में लिखे एक लेख में भी कुछ ऐसी ही बात कही थी। उन्होंने लिखा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत को 1970 के दशक में पहुंचा दिया है।