
संयुक्त अरब अमीरात में आर्थिक प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने के लिए दुबई ने विदेशी कामगारों के लिए बड़ा ऐलान किया है। दुबई ने अमीरात में स्थित फर्मों में काम करने वाले विदेशी कर्मचारियों के लिए मल्टीपल एंट्री वीजा जारी करने का ऐलान किया है। इस वीजा की अवधि 5 साल की होगी। सात अमीरातों के एक महासंघ, संयुक्त अरब अमीरात ने भी इस सप्ताह नए निजी क्षेत्र के श्रम कानूनों में भारी फेरबदल की है। इससे श्रमिकों के पासपोर्ट को अब वहां की कंपनियां जब्त नहीं कर पाएंगी। ये कानून अगले साल फरवरी से प्रभावी होने वाले हैं।
यूएई ने क्यों लागू किया श्रम सुधार कानून : कोरोना वायरस महामारी ने संयुक्त अरब अमीरात की अर्थव्यवस्था को भी काफी बड़ा नुकसान पहुंचाया है। इस कारण यूएई अर्थव्यवस्था को उबरने में मदद करने के लिए निवेश और विदेशियों को आकर्षित करने में जुटा हुआ है। इसी कारण यूएई ने लंबी अवधि के रेजिडेंसी वीजा सहित आर्थिक और कानूनी सुधारों की शुरुआत की है। इसके अलावा यूएई इस क्षेत्र में बड़ा व्यापारिक केंद्र बनने की रेस में सऊदी अरब को पछाड़ने की भी कोशिश कर रहा है।
दुबई के क्राउन प्रिंस ने की तारीफ : दुबई के क्राउन प्रिंस ने कहा कि पांच साल का मल्टीपल एंट्री वीजा दुबई स्थित कंपनियों के कर्मचारियों को बैठकों और अन्य व्यावसायिक जरूरतों के लिए आसानी से अमीरात में और बाहर जाने में मदद करेगा। इससे पहले यूएई ने कोविड वैक्सीन की पूरी डोज लगवाने वाले यात्रियों के लिए अपने देश के दरवाजों को भी खोल दिया है। इससे भारत के लाखों कामगारों को भी फायदा होने की उम्मीद है।
इस कानून का क्या है उद्देश्य : यूएई के मानव संसाधन और अमीरात मंत्री अब्दुलरहमान अल -आवर ने कहा कि संघीय स्तर पर, सोमवार को घोषित एक नए श्रम कानून का ऐलान किया गया है। इसका उद्देश्य यूएई को एक कुशल श्रम बाजार बनाना, प्रतिभा को आकर्षित करना, महिलाओं को सशक्त बनाना और प्रवासी श्रमिकों के वर्चस्व वाले निजी क्षेत्र में अमीराती नागरिकों की तुलना में सुधार करना है। मंत्रालय ने यह भी कहा है कि इसका एक प्रावधान कंपनियों को अपने कर्मचारियों के पासपोर्ट को जबरन बंधन बनाने से रोकता है।
लाखों भारतीय कामगारों को होगा फायदा : मंत्रालय ने यह भी कहा कि जब यह कानून लागू हो जाएगा, तब से कॉन्ट्रैक्ट खत्म होने के बाद कामगारों को जबरदस्ती यूएई को छोड़ना नहीं पड़ेगा। कई मानवाधिकार समूहों ने लंबे समय से यूएई के श्रम सुधारों को लेकर संघर्ष भी किया है। जिसके बाद यूएई ने अब इन कानूनों में सुधार किया है।
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