अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा है कि ईरान की मदद की वजह से ही हूती लाल सागर में हमले कर रहे हैं। हूती विद्रोहियों को कमजोर करने के लिए यमन में उनके ठिकानों पर अमेरिकी सेना ने हवाई हमलए किए हैं। बाइडेन ने कहा कि यमन में हूतियों पर हमले कर हमने ईरान को भी संदेश दे दिया है। पेंसिल्वेनिया में एक कॉफी शॉप के दौरे के दौरान बाइडेन ने ये बात कही है। उन्होंने कहा कि हमने यमन से ईरान को संदेश दे दिया है। साथ ही बाइडेन ने कहा अगर हूती हमारे सहयोगियों के साथ यही बर्ताव करना जारी रखते हैं, तो हम उन्हें इसका कड़ा जवाब देंगे। बाइडेन ने इस बात का भी अंदेसा जताया है कि खाड़ी देशों में बढ़ता तनाव तेल की कीमतों को भी प्रभावित कर सकता है।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि उनका मानना है कि हूती एक आतंकवादी समूह है। उनके प्रशासन ने हूतियों को आतंकवादी संगठन की लिस्ट से हटा दिया है लेकिन उनको फिर से इस लिस्ट में शामिल करने पर हम विचार कर रहे हैं। 2021 में बाइडेन प्रशासन ने यमन के हूती विद्रोहियों को विदेशी आतंकवादी संगठन के रूप में नामित करने के ट्रंप प्रशासन के फैसले को उलट दिया था। राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा है इस हूतियों को फिर से आतंकी संगठन नामित करने को लेकर समीक्षा की जा रही है।
यूएस और यूके कर रहे हैं यमन में हमले – यमन के हूती विद्रोहियों के ठिकानों पर अमेरिका और ब्रिटेन गुरुवार से हवाई हमले कर रहे हैं। गुरुवार के बाद शुक्रवार रात को भी यमन में अमेरिकी फौज ने बम बरसाए हैं। अमेरिकी सेना ने कई खतरनाक हथियारों का इस्तेमाल यमन में हूतियों को निशाना बनाने के लिए किया है। हूतियों से कम से कम 30 ठिकानों पर बमबारी की गई है। अमेरिका का कहना है कि लाल सागर में हूतियों के बढ़ते हमलों के जवाब में ये सैन्य कार्रवाई की जा रही है। इस कार्रवाई पर जो बाइडेन ने कहा है कि वह अंतरराष्ट्रीय वाणिज्य के मुक्त प्रवाह के लिए प्रतिबद्ध हैं, इसके लिए वह सभी जरूरी कदम उठाएंगे और जरूरत होगी तो यमन में हूतियों के खिलाफ कार्रवाई को जारी रखेंगे।