
ब्रिटेन में वैज्ञानिक शोध में जुटे हैं कि क्या कोरोना वायरस वैक्सीन को इंजेक्शन की जगह मुंह या नाक के जरिए दिया जा सकता है। उनकी इस छोटी स्टडी में इस बात का भी पता लगाया जाएगा कि अगर वैक्सीन को इंजेक्शन से नहीं दिया जाए तो इसके प्रभाव पर कोई असर पड़ेगा कि नहीं। इसके लिए इंपीरियल कॉलेज लंदन और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स मिलकर काम करेंगे।
मरीजों के मुंह में डाली जाएगी वैक्सीन की बूंदे
रिसर्चर्स ने कहा कि इस स्टडी में 30 लोगों को शामिल किया जा रहा है। इन लोगों को वैक्सीन की बूंदों को सीधे मुंह में दिया जाएगा। इसके बाद पता लगाया जाएगा कि वैक्सीन के काम करने के तरीके पर कोई असर पड़ा है कि नहीं। रिसर्चर्स ने यह भी कहा कि वैक्सीन को सीधे मुंह में दिए जाने से यह संक्रमितों के श्वसन तंत्र को सीधे प्रभावित करेंगे।
ऑक्सफर्ड और इंपीरियल कॉलेज की वैक्सीन की होगी जांच
जिन वैक्सीन को लेकर ये वैज्ञानिक स्टडी करेंगे उसे इंपीरियल कॉलेज लंदन और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने ही विकसित किया है। दोनों संस्थानों का व्यापक अध्ययन पहले से ही जारी है। छोटा अध्ययन यह देखने के लिए है कि टीकों को इंजेक्शन के जरिए शरीर में पहुंचाने की जगह क्या दवा को मुंह अथवा नाक में डालकर सीधे श्वसन तंत्र को प्रभावित कर बेहतर असर हो सकता है।
नाक और मुंह से ज्यादा प्रभावी हो सकती है वैक्सीन
इंपीरियल कॉलेज के डॉक्टर क्रिस चिऊ ने कहा कि हमारे पास सबूत हैं कि इन्फ्लुएंजा टीके की दवा को नाक के जरिए दे कर फ्लू से लोगों की रक्षा की जा सकती है। इससे बीमारी के प्रसार को रोकने में भी मदद मिल सकती है। उन्होंने कहा कि अध्ययन यह देखने के लिए किया जा रहा है कि क्या ऐसा कोविड-19 के मामले में भी हो सकता है।
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