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खतरनाक होता जा रहा Coronavirus? अब अर्जंटीना में नया स्ट्रेन मिलने की खबर


कोरोना वायरस की महामारी ने करीब एक साल से दुनियाभर में हाहाकार मचा रखा है। एक ओर जहां वैज्ञानिक इससे बचने के लिए वैक्सीन पर काम कर रहे हैं और भारत समेत कई देशों में वैक्सीन दी भी जाने लगी है, वहीं इसे नए स्ट्रेन मिलने से झटका भी लगा है। अब अर्जंटीना में वायरस का नया स्ट्रेन मिलने की खबर है।
रूस की मीडिया वेबसाइट स्पूतनिक ने अर्जंटीना के स्वास्थ्य मंत्री जिनीज गार्सिया के हवाले से दावा किया है कि देश में वायरस का नया स्ट्रेन मिला है। हालांकि, इस बारे में ज्यादा जानकारी अभी सामने नहीं है। गार्सिया ने इसे लेकर ट्वीट किया है और यह भी बताया है कि वायरस का अमेजन में पाया गया P1 स्ट्रेन और रियो डि जनेरो में पाया गया P2 स्ट्रेन भी देश में मिला है।
हजारों बार म्यूटेट हुआ वायरस : महामारी के इतने महीने में कोरोना वायरस हजारों बार म्यूटेट हुआ है लेकिन वैज्ञानिकों को तीन वेरियंट्स को लेकर चिंता है जो पहले से ज्यादा संक्रामक हैं। इनमें ब्रिटेन के केंट, दक्षिण अफ्रीका और ब्राजील के वेरियंट शामिल हैं। इनमें से दक्षिण अफ्रीकी वेरियंट वैक्सीन के खिलाफ प्रतिरोधी मालूम पड़ रहा है और दुनिया के कई हिस्सों में पाया जा चुका है।
दक्षिण अफ्रीका की यूनिवर्सिटी ऑफ द विटवॉटर्सरैंड और ऑक्सफर्ड की स्टडी के दौरान किसी की मौत नहीं हुई और न ही अस्पताल में भर्ती कराया गया। अभी स्टडी के नतीजे पब्लिश नहीं हुए हैं। कंपनी के प्रवक्ता का कहना है कि इस छोटे पहले चरण के ट्रायल में शुरुआती डेटा में B.1.351 दक्षिण अफ्रीकी वेरियंट के कारण कम गंभीर बीमारी के खिलाफ सीमित असर देखा गया है। हालांकि, अभी गंभीर बीमारी और अस्पताल में भर्ती किए गए लोगों पर इसके असर को स्टडी नहीं किया जा सका है।
इस स्टडी में शामिल वॉलंटिअर्स की औसतन उम्र 31 साल रही जिसमें आमतौर पर लोग इन्फेक्शन का शिकार नहीं होते हैं। महामारी के इतने महीने में कोरोना वायरस हजारों बार म्यूटेट हुआ है लेकिन वैज्ञानिकों को तीन वेरियंट्स को लेकर चिंता है जो पहले से ज्यादा संक्रामक हैं। इनमें ब्रिटेन के केंट, दक्षिण अफ्रीका और ब्राजील के वेरियंट शामिल हैं। इनमें से दक्षिण अफ्रीकी वेरियंट वैक्सीन के खिलाफ प्रतिरोधी मालूम पड़ रहा है और दुनिया के कई हिस्सों में पाया जा चुका है।
वहीं, जॉनसन ऐंड जॉनसन और नोवावैक्स ने भी बताया है कि उनकी वैक्सीनें नए स्ट्रेन के खिलाफ असरदार नहीं हैं। इसी तरह मॉडर्ना नए वेरियंट के लिए बूस्टर शॉट तैयार कर रही हैं जबकि Pfizer-BioNTech की वैक्सीन भी कम असरदार मिली है। ब्रिटेन ने ऑक्सफर्ड की वैक्सीन की 10 करोड़ खुराकें खरीदी हैं और लाखों लोगों को वैक्सिनेट किया जा रहा है। दूसरी ओर, सफर न करने वाले लोगों में वेरियंट के 11 मामले सामने आने से कम्यूनिटी ट्रांसमिशन का खतरा पैदा हो गया है जिसके चलते टेस्टिंग तेज की जा रही है।
वैक्सीन पर क्या असर? : इसे लेकर चिंताजनक बात यह है कि कई वैक्सीनों का इन नए स्ट्रेन पर असर कम दिखाई दे रहा है। इसके बाद ऑक्सफर्ड-AstraZeneca ने वैक्सीन में बदलाव की बात कही है जबकि जॉनसन ऐंड जॉनसन और नोवावैक्स ने भी बताया है कि उनकी वैक्सीनें नए स्ट्रेन के खिलाफ असरदार नहीं हैं। इसी तरह मॉडर्ना नए वेरियंट के लिए बूस्टर शॉट तैयार कर रही हैं जबकि Pfizer-BioNTech की वैक्सीन भी कम असरदार मिली है।