
ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने गुरुवार को कहा है कि वह चीन से डरने वाले नहीं हैं। चीन ने ऑस्ट्रेलिया के कुछ निर्यात पर रोक लगा दी थी और चीनी टूरिस्ट्स और स्टूडेंट्स से ऑस्ट्रेलिया नहीं जाने की अपील की थी। दरअसल, ऑस्ट्रेलिया और यूरोपियन यूनियन ने वर्ल्ड हेल्थ असेंबली से कोरोना वायरस महामारी की स्वतंत्र जांच के समर्थन की मांग की थी। इसके बाद चीन के शिक्षा मंत्रालय ने स्टूडेंट्स से अपील की थी कि वह ऑस्ट्रेलिया में पढ़ने के फैसले पर दोबारा सोचें।
‘नहीं करेंगे आदर्शों का सौदा’
मॉरिसन ने गुरुवार को कहा है, ‘हम एक ओपन-ट्रे़डिंग नेशन हैं लेकिन हम दबाव की स्थिति में कभी अपने आदर्शों का सौदा नहीं करेंगे।’ चीन ने ऑस्ट्रेलिया से बीफ आयात रोक दिया था और ऑस्ट्रेलिया से आने वाले जौं पर टैरिफ लगा दिया था। चाइनीज टूरिस्ट्स से भी ऑस्ट्रेलिया नहीं जाने के बारे में सोचने को कहा था। दोनों केसों को लेकर पेइचिंग ने कहा कि ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि एशियाई लोगों के खिलाफ नस्लभेदी हमला किया जाता है।
‘डराने के लिए नहीं दी गई चेतावनी’
इसे मॉरिसन ने बकवास बताया है। उन्होंने कहा है, ‘यह एक बकवास दावा है और इसे खारिज किया चुका है। चीन के नेतृत्व ने ऐसा बयान नहीं दिया है।’ ऑस्ट्रेलिया ने चीन के विदेश मंत्रालय और कैनेबरा के दूतावास में शिकायत की है। मॉरिसन के बयान को लेकर चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने ‘डराने’ के आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि चेतावनी तथ्यों के आधार पर दी गई थी। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया से चीनी नागरिकों की सुरक्षा करने की अपील की है।
कोरोना का खौफ होगा कम
कोविड-19 के मरीजों से अधिक सही होने वाले लोगों की संख्या होने का मतलब है कि कोरोना का खौफ कम होगा। अगर ऐसा ही होता रहा तो धीरे-धीरे एक्टिव मामले कम होते जाएंगे और सही होने वालों की संख्या बढ़ती जाएगी। अब मरीजों और सही होने वालों के बीच का फासला बढ़ता ही जा रही है, जो अच्छी खबर है।
अधिक बेड होंगे खाली
मरीजों से अधिक लोगों की रिकवरी का मतलब है कि अस्पतालों में अब अधिक बेड खाली हो गए हैं, जिनमें किसी जरूरतमंद का इलाज किया जा सकता है। हालांकि, हॉटस्पॉट राज्यों में अस्पतालों पर बेड को लेकर प्रेशर अभी बढ़ता ही जा रहा है, क्योंकि वहां कोरोना के मामले लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं।
जो देश में हुआ है, वो धीरे-धीरे सब राज्यों में होगा
पूरे देश में मरीजों की संख्या सही हो चुके लोगों से कम हो चुकी है, तो इसका एक इशारा ये है कि अब इंफेक्शन घटना शुरू होगा, जिससे तमाम हॉटस्पॉट राज्यों में भी मरीजों की संख्या सही हो चुके लोगों से कम होगी। बहुत सारे राज्यों में ऐसा हो भी रहा है। हालांकि, दिल्ली में इसका उल्टा ही दिख रहा है।
अभी दुनिया का क्या है हाल?
इस समय दुनिया भर में कोरोना मरीजों की संख्या 74 लाख का आंकड़ा पार कर चुकी है। करीब 4.20 लाख लोग अब तक कोरोना वायरस की वजह से मारे जा चुके हैं। सबसे बुरी हालत अमेरिका की है, जहां पर 20 लाख से अधिक लोग संक्रमित हो चुके हैं और 1.15 लाख से भी अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। अच्छी बात ये है कि करीब 8.08 लाख लोग सही होकर घर जा चुके हैं। भारत फिलहाल इस लिस्ट में छठे नंबर पर है, जहां कुल मामले 2,86,579 हो गए हैं। अब तक इस बीमारी से 8100 से भी अधिक लोगों की जान जा चुकी है।
चीन पर लगते रहे हैं आरोप
चीन के खिलाफ कोरोना वायरस की उत्पत्ति और फैलने को लेकर लगातार आरोप लगते आ रहे हैं। अमेरिका, ब्रिटेन समेत दूसरे देशों ने चीन पर आरोप लगाया है कि उसने न सिर्फ अपने यहां वायरस को फैलने से रोकने में लापरवाही की बल्कि दुनिया को इसकी जानकारी देने में भी देरी की। इसे लेकर कई देशों ने जांच की मांग की है जबकि चीन का कहना है कि उसने महामारी के खिलाफ तेजी से जरूरी कदम उठाए थे।
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