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ब्रिटेन में Coronavirus: PM बोरिस जॉनसन का ऐलान, ‘मास्क पहनने- सोशल डिस्टेंसिंग की मजबूरी होगी खत्म’


ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने सोमवार को कहा कि देशवासियों के लिए इस महीने से कानूनी रूप से मास्क पहनने और बंद सार्वजनिक स्थलों पर कम से कम एक मीटर (तीन फुट) की दूरी बनाए रखने की बाध्यता नहीं होगी। इसके साथ ही उन्होंने संक्रमण के मामलों में तेज वृद्धि के बावजूद पाबंदियां हटाने की योजना की पुष्टि कर दी।
‘इच्छा पर करेगा निर्भर’ : जॉनसन ने सोमवार को इस बात की पुष्टि की कि जब देश में लॉकडाउन हटाने की प्रक्रिया अंतिम चरण में पहुंच जाएगी तो कानूनी पाबंदियों को मानना व्यक्तिगत इच्छा पर निर्भर करेगा। उन्होंने कहा कि पाबंदियां हटाने की प्रक्रिया 19 जुलाई से शुरु होगी। हालांकि इस बारे में अंतिम फैसला 12 जुलाई को लिया जाएगा।
‘अलग दौर की ओर’ : इससे पहले आवासीय मंत्री रॉबर्ड जेनरिक ने रविवार को कहा था कि ऐसा लगता है कि वैक्सिनेशन की सफलता के चलते पाबंदियां हटाने और सामान्य स्थिति में लौटने की गुंजाइश है। उन्होंने कहा था कि अब हमें एक अलग दौर की ओर बढ़ना होगा, वायरस के साथ रहना, सावधानी बरतना और जिम्मेदारी के साथ रहना सीखना होगा। वहीं, मास्क लगाने की जरूरत के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा था कि अगर आंकड़े ठीक रहे तो ऐसा किया जा सकता है।
एम्स प्रमुख ने गुरुवार (1 जुलाई) को कहा कि डेल्टा प्लस वेरिएंट को लेकर अभी पर्याप्त आंकड़ा नहीं है जिससे ये पता चल सके कि ये कितना घातक और संक्रामक है। न ही इस बात के कोई सबूत हैं कि इससे संक्रमित होने वालों की मौतें होती हैं और ये इम्यूनिटी को धोखा दे सकता है। लिहाजा बिना किसी आधार पर डेल्टा वेरिएंट के बारे में चिंता करना अनावश्यक है।
एम्स निदेशक ने कहा जो लोग कोविड नियमों का पालन करेंगे और टीका लगवाएंगे तो वे नए वेरिएंट से भी सुरक्षित रह सकते हैं। हर कोई सभी सावधानी का पालन करे तो तीसरी लहर नहीं आएगी या उसे रोका जा सकता है।
गुलेरिया का कहना है कि भले ही वायरस संक्रामक हो लेकिन मास्क पहनने, सामाजिक दूरी बनाए रखने, हैंड सेनेटाइज और टीकाकरण जैसे उचित कोरोनावायरस मानदंडों मानने पर संक्रमण का खतरा कम हो सकता है। महामारी अभी खत्म नहीं हुई है और किसी भी तरह की लापरवाही की भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है।
डेल्टा वेरिएंट का म्यूटेंट अब 100 से अधिक देशों में सक्रिय है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organisation) ने अपने साप्ताहिक एपिडेमियोलॉजिकल अपडेट में चेतावनी दी है कि आने वाले महीनों में कोरोनावायरस का दुनिया भर में हावी हो जाएगा।
एजेंसी ने ‘कोविड-19 वीकली एपिडेमियोलॉजिकल अपडेट’ में ताजा आंकड़े साझा करते हुए कहा कि 29 जून 2021 तक ’96 देशों में डेल्टा स्वरूप के मामले सामने आ चुके हैं। इनमें से अधिकतर देशों का मानना है कि डेल्टा वैरिएंट के कारण उनके यहां संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं।
डेल्टा वेरिएंट या बी.1.617.2 को भारत में कोरोनावायरस की दूसरी लहर के लिए काफी हद तक जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। इसे पहले भारत में पहचाना गया और बाद में इसे AY.1 और AY.2 के रूप में बदल दिया गया।
बाद में म्यूटेशन के बाद डेल्टा वेरिएंट डेल्टा प्लस बन गया। इस नए म्यूटेंट स्ट्रेन ने देश में कई लोगों को संक्रमित किया है और अब भी इसका कहर जारी है। भारत सरकार ने पहले ही ‘डेल्टा प्लस’ वेरिएंट को ‘वेरिएंट ऑफ़ कंसर्न’ यानी चिंताजनक घोषित कर दिया है।
विशेषज्ञ के अनुसार, गंभीर लक्षणों से बचाने के लिए Covidshiled की एक खुराक भी 70 प्रतिशत प्रभावी है और इससे अस्पताल में भर्ती होने की भी नौबत नहीं आएगी। लेकिन यह अभी भी स्पष्ट नहीं है कि क्या यह डेल्टा प्लस वेरिएंट के खिलाफ समान स्तर की सुरक्षा प्रदान कर सकती है या नहीं। फिर भी, घातक कोरोनावायरस से बचाव का एकमात्र तरीका टीकाकरण है।
डेल्टा वेरियंट फैला : ब्रिटेन में कोविड-19 से 1,28, 000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है, जो पश्चिमी यूरोप में सबसे अधिक है। बेहद संक्रामक डेल्टा वेरिएंट के चलते संक्रमण के मामले भी बढ़ रहे हैं। शनिवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 24,885 नए मामले सामने आए और 18 रोगियों की मौत हुई। राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा के आंकड़ों के अनुसार ब्रिटेन में 3 करोड़ 30 लाख से अधिक लोगों को कोविड-19 टीके की दूसरी खुराक दी जा चुकी है और 85 प्रतिशत से अधिक व्यस्क पहली खुराक ले चुके हैं।