
चीन में कोरोना वायरस को लेकर चाइनीज सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन ने एक रिसर्च के जरिए चेतावनी जारी की है। जिसमें कहा गया है कि चीन को इस वैश्विक महामारी के दूसरी लहर का सामना करना पड़ सकता है। सेंटर के निदेशक जीयू फू ने कहा कि चीन के लोग कोरोना वायरस को लेकर अब भी खतरे में हैं क्योंकि चीन समेत पूरी दुनिया में मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में चीन में कोविड-19 के मामले बढ़ सकते हैं।
प्रभावी उपाय ने रोकी चीन में कोरोना की स्पीड
6 जून को द लांसेट में प्रकाशित इस रिसर्च ‘फाइटिंग कोविड-19: चाइना इन एक्शन’ के अनुसार, कोरोना वायरस के रोकधाम को लेकर चीन की रणनीति सफर रही है। अगर इस महामारी को रोकने के लिए प्रभावी उपाय नहीं किए गए होते तो चीन में कोरोना वायरस के रोगियों की तादाद 67 गुना ज्यादा होती। चीन ने संदिग्ध मामलों की जांच, कांट्रेक्ट ट्रेसिंग, लोगों की आवाजाही को रोकने जैसे कई फैसले संक्रमण के शुरुआती दिनों में ही ले लिए थे।
सर्दियों में फिर बढ़ सकते हैं मामले
इस रिसर्च में चीन को कोरोना वायरस की दूसरी लहर की चेतावनी दी गई है। रिसर्च में चीन सरकार से कोरोना वायरस के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई को बंद नहीं करने का आग्रह किया गया है। चीन के प्रसिद्ध श्वसन विशेषज्ञ वांग चेन ने भी मंगलवार को एक सेमिनार में कहा कि यह वायरस गायब नहीं होगा। गर्मियों में महामारी की गति कम हुई है लेकिन सर्दियों में यह फिर से तेजी से बढ़ेगी।
चीन में 4 वैक्सीन का क्लिनिकल ट्रॉयल जारी
रिसर्च में कहा गया है कि अगर कोरोना वायरस महामारी की स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है और इसका पैमाना 1918 में फैले H1N1 इन्फ्लूएंजा महामारी जैसा हो गया तो इससे 50 मिलियन लोगों की जान जा सकती है। रिसर्च में लिखा गया है कि चीन का लक्ष्य कोरोना के ट्रांसमिशन को रोकना और एक प्रभावी वैक्सीन विकसित करना है। बता दें कि चीन में अबतक क्लिनिकल ट्रॉयल के लिए तीन वैक्सीन और एक एडेनोवायरस वैक्सीन को मंजूरी दी गई है।
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