
नई दिल्ली : विकास और विश्वास को कश्मीर की समस्या के समाधान के लिए बेहद अहम बताते हुए प्रधानमंत्री ने आज रात उम्मीद जताई कि घाटी के युवा गुमराह नहीं होंगे। घाटी में चल रही अशांति के बीच उन्होंने कश्मीर को शांति और एकता के साथ आगे ले जाने की आवश्यकता पर बल दिया और कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि यह असल मायने में धरती का स्वर्ग बना रहे।
उन्होंने एक साक्षात्कार में कहा, ‘‘(वर्तमान अशांति का) बीज आजादी के दौरान ही बोया गया। हर सरकार को इस समस्या का सामना करना है। यह कोई नई समस्या नहीं है बल्कि पुरानी है। ’’ उनसे पूछा गया था कि घाटी की समस्या का समाधान कैसे किया जाए। मोदी ने कहा कि इस समस्या का हल ढूंढा जाएगा। उन्होंने कहा, ‘कश्मीर को विकास और विश्वास की जरूरत है। देश के 125 करोड़ लोग विकास देने को तैयार हैं और विश्वास की कभी कमी नहीं रही।’’
उन्होंने कहा कि विकास और विश्वास के आधार पर आगे बढऩा है और वह इस मोर्चे पर विश्वास से भरे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मैं आशा करता हूं कि कश्मीरी युवक गुमराह नहीं होंगे और वह शांति, एकता एवं सद्भाव के साथ आगे बढ़ेंगे। मैं उम्मीद करता हूं कि कश्मीर जन्नत बना रहेगा। ’’
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