महाशिवरात्रि इस साल 8 मार्च शुक्रवार के को है। महाशिवरात्रि का विशेष महत्व है दरअसल, इस दिन माता पार्वती और भगवान शिव का विवाह हुआ था। ऐसी मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव की उपासना करने से व्यक्ति को दोगुना फल मिलता है। लेकिन, इस दिन कुछ बातों का खास ख्याल रखना चाहिए। वरना भगवान शिव आपसे नाराज हो सकते हैं और भगवान शिव की कृपा से आप वंचित रह सकते हैं। इस बार महाशिवरात्रि पर सर्वार्थ सिद्धि योग, शिव योग, सहित कई शुभ संयोग भी बन रहे हैं। इस बार भक्तों को महाशिवरात्रि व्रत के साथ साथ त्रयोदशी व्रत और शुक्रवार के व्रत का लाभ भी मिलेगा। आइए जानते हैं महाशिवरात्रि पर क्या करें क्या न करें।
महाशिवरात्रि पर भूलकर भी न करें ये काम
महाशिवरात्रि के दिन काले या नीले रंग के वस्त्र धारण करने से बचें। हो सके तो इस दिन पीले, लाल या हरे रंग के वस्त्र धारण करना शुभ रहेगा।
महाशिवरात्रि पर अन्न का सेवन न करें। आप चाहें तो दूध या फलों का सेवन कर सकते हैं। साथ ही इस बात का ख्याल भी रखें की आप सूर्यास्त के बाद कुछ भी न खाएं। इस दिन सुबह जल्दी उठकर तन और मन की शुद्धि जरूर करें।
महाशिवरात्रि वाले दिन देर तक न सोएं। रात के समय सोने से बचें। साथ ही इस दिन रात्रि जागरण भी किया जाता है। इसलिए इस दिन रात्रि नें जागरण जरुर करें।
भगवान शिव पर कभी भी टूटे हुए अक्षत, कटे फटे हुए बेलपत्र के पत्ते अर्पित न करें। साथ ही शिवलिंग पर श्रृंगार का सामान, सिंदूर, तुलसी के पत्ते आदि अर्पित न करें। शिवलिंग पर बासी फूल न चढ़ाएं।
इस दिन ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। साथ ही घर में क्लेश आदि नहीं होना चाहिए।
महाशिवरात्रि पर क्या करें
महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव का रुद्राभिषेक या अभिषेक जरूर करना चाहिए। आप ओम नमः शिवाय बोलते हुए भी जलाभिषेक कर सकते हैं।
महाशिवरात्रि पर चार प्रहर की पूजा विशेष फलदायी मानी जाती है। साथ ही महामृत्युंजय मंत्र का जप करना और करवाना दोनों की लाभकारी रहते हैं।
इस दिन रात्रि जागरण के दौरान भगवान शिव को भजन और मंत्रों का जप करना चाहिए।
यदि आप शिवलिंग की स्थापना करना चाहते हैं तो यह दिन बहुत ही उत्तम माना जाता है। इस दिन स्फटिक या पारद शिवलिंग की स्थापना घर में करें।
इस दिन बेलपत्र के पेड़ के नीचे स्नान करना बहुत ही लाभदायक है। शिवपुराण में बताया गया है कि बेल वृक्ष के नीचे स्नान करने से कई जन्मों के पाप कट जाते हैं। यदि बेल का पेड़ न मिले तो आप बेलपत्र सिर पर रखकर भी स्नान कर सकते हैं।