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हमारे धैर्य को हल्के में न लें…’: अमेरिका की धरती से पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी, भारत ने चीन को भी सुनाई खरी-खरी


कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा है कि भारत और पाकिस्तान के बीच जो भी टकराव होता है, उसमें चीन को अनदेखा नहीं किया जा सकता। कांग्रेस सांसद ने उस भारतीय प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई की है, जो ऑपरेशन सिंदूर और पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद पर भारत के रुख से दुनिया को रूबरू करवाने के लिए अमेरिका गया है। थरूर ने यह बात अमेरिकी थिंक टैंक के प्रतिनिधियों से बातचीत करते हुए कही। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ महीनों में भारत और चीन के रिश्ते सुधर रहे थे, लेकिन इस टकराव के बाद चीजें बदल गईं। उन्होंने भारत की तरफ से दुनिया को आगाह किया है कि पाकिस्तान को लेकर हमारे धैर्य को हल्के में न लें।
पाकिस्तान से दोस्ती पर भारत ने चीन को सुनाई खरी-खरी – केरल के तिरुवनंतपुरम से सांसद शशि थरूर ने साफ शब्दों में कहा कि चीन के पाकिस्तान में बहुत बड़े हित हैं। चीन का बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) का सबसे बड़ा प्रोजेक्ट चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (CPEC) है। पाकिस्तान के 81% रक्षा उपकरण चीन से आते हैं। थरूर ने ‘रक्षा’ शब्द पर जोर देते हुए कहा कि कई मामलों में यह ‘आक्रमण’ भी हो सकता है। थरूर ने कहा कि जून 2020 में गलवान घाटी में झड़प के बाद भारत और चीन के बीच तनाव था। लेकिन, सितंबर से रिश्ते सुधरने लगे थे। हालांकि, मौजूदा स्थिति के बाद चीन का रुख पाकिस्तान के प्रति और भी ज्यादा मददगार हो गया है, यहां तक कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में भी।
पाकिस्तान से टकराव में चीन को नजरअंदाज करना असंभव – थरूर ने कहा कि ‘हमें पता है कि पाकिस्तान में चीन का बहुत कुछ लगा हुआ है। जानकारी के अनुसार, हम यह भी जानते हैं कि पाकिस्तान के 81% आक्रामक उपकरण चीन से आते हैं। वेपन सिस्टम चीन के हैं और इसलिए पाकिस्तान के साथ हमारे टकराव में चीन को नजरअंदाज करना बिल्कुल असंभव है।’ थरूर ने कहा कि भारत हमेशा बातचीत के रास्ते खुले रखने की कोशिश करता है, भले ही सामने कोई विरोधी ही क्यों न हो।…चीन के साथ भारत का व्यापार अभी भी रिकॉर्ड स्तर पर है।’ पाकिस्तान अभी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) का अस्थायी सदस्य है। अप्रैल में हुए पहलगाम हमले के बाद UNSC ने एक प्रेस स्टेटमेंट जारी किया था। इसमें हमले की कड़ी निंदा की गई थी और कहा गया था कि दोषियों को न्याय के कटघरे में लाया जाना चाहिए। हालांकि, पाकिस्तान और चीन की मदद से स्टेटमेंट से ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ का नाम हटा दिया गया था, जिसने पहलगाम हमले की जिम्मेदारी ली थी।
‘सिर्फ यह कहने के लिए हैं कि हमारे धैर्य को हल्के में न लें’ – वहीं, पाकिस्तान को लेकर थरूर ने स्पष्ट शब्दों में कहा, ‘अगर पाकिस्तान हमें अकेला छोड़ दे तो, तो हम उसे अकेला छोड़कर खुश होंगे। लेकिन अगर उन्होंने इसे फिर से होने दिया, या वे वास्तव में इसे भड़काते हैं और इसे करवाते हैं जैसा कि इस बार हुआ, तो उनपर जवाबी हमला किया जाएगा। हम बहुत जोरदार तरीके से जवाब देंगे…हम यहां देशों या दुनिया या जो कुछ भी है उसे उड़ाने के लिए नहीं हैं। हम यहां सिर्फ यह कहने के लिए हैं कि हमारे धैर्य को हल्के में न लें…,’