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डोनाल्ड ट्रंप गाजा में सीजफायर करा देंगे… अमेरिका के लिए उड़ान भरने से पहले इजरायली पीएम नेतन्याहू का बड़ा बयान

इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप गाजा में सीजफायर का रास्ता जरूर निकालेंगे। नेतन्याहू ने रविवार को वॉशिंगटन के लिए उड़ान भरने से पहले ये भरोसा जताया है। नेतन्याहू सोमवार को वाइट हाउस में डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात करेंगे।इससे पहले नेतन्याहू ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि ट्रंप के साथ उनकी मुलाकात हमास की कैद से इजरायली बंधकों को छुड़ाने और गाजा में युद्ध रोकने के लिए समझौते तक पहुंचने में मदद करेगी।
अमेरिका के लिए उड़ान भरने से पहले बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा, ‘मेरा मानना है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ चर्चा निश्चित रूप से गाजा में सीजफायर पर आगे बढ़ाने में मदद करेगी। हम गाजा से अपने बंधकों की वापसी सुनिश्चित करने और इजरायल के लिए हमास के खतरे को दूर करने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं। इसके लिए सभी कदम उठाएंगे।’
इस साल जनवरी में डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिका का राष्ट्रपति बनने के बाद से बेंजामिन नेतन्याहू का यह वॉशिंगटन का तीसरी दौरा है। नेतन्याहू का यह अमेरिका यात्रा ऐसे समय हो रही है, जब उन पर गाजा में युद्धविराम का दबाव है। नेतन्याहू पर पश्चिम के देश और डोनाल्ड ट्रंप भी सीजफायर करने के लिए दबाव डाल रहे हैं।
इजरायल ने रविवार को अपना एक प्रतिनिधिमंडल गाजा में युद्धविराम पर चर्चा के लिए कतर भेजा है। बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि कतर में युद्धविराम समझौते पर बातचीत के लिए गए वार्ताकारों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि वे इजरायल की शर्तों के तहत समझौता हासिल करें। उनको बताया गया है कि हम हमास से क्या चाहते हैं।
गाजा में 57 हजार मौतें – गाजा पट्टी में अक्टूबर 2023 से लगातार चल रहे इजरायली हमलों में कम से कम 57,418 फिलिस्तीनी मारे गए हैं। इस साल की शुरुआत में हुए सीजफायर के बाद 18 मार्च को इजरायल ने फिर से गाजा पर हमले शुरू किए थे। मार्च से अब तक यानी चार महीने में ही 6,860 लोगों की जान गाजा में गई है और 24 हजार घायल हुए हैं।
इजरायल के हमलों की वजह से गाजा में भारी तबाही हुई है। गाजा की ज्यादातर आबादी कैंपों में रहने को मजबूर है और यहां अकाल जैसे हालात हैं। ऐसे में इजरायल पर गाजा में हमले रोकने का दबाव डाला जा रहा है। इजरायल को गाजा में हमलों, खासतौर से आम लोगों पर बमबारी के लिए दुनियाभर में आलोचना का सामना करा पड़ा है।