Sunday , August 3 2025 9:27 AM
Home / News / भारत को मत दो F-35 स्टील्थ फाइटर जेट… अमेरिकी एयरफोर्स चीफ से गिड़गिड़ाए पाकिस्‍तानी वायुसेना प्रमुख, मानेंगे ट्रंप?

भारत को मत दो F-35 स्टील्थ फाइटर जेट… अमेरिकी एयरफोर्स चीफ से गिड़गिड़ाए पाकिस्‍तानी वायुसेना प्रमुख, मानेंगे ट्रंप?

जहीर अहमद बाबर सिद्धू ने पिछले दिनों अमेरिका की यात्रा की थी। इस दौरान उन्होंने यूएस एयरफोर्स के चीफ जनरल डेविड ऑल्विन के अलावा अमेरिका के कुछ और सैन्य अधिकारियों और कुछ सांसदों से मुलाकात की थी। इस दौरान उन्होंने अमेरिकी अधिकारियों से भारत को एफ-35 स्टील्थ फाइटर नहीं देने की गुजारिश की थी।
पाकिस्तान ने अमेरिका से गुहार लगाई है कि वो भारत को एफ-35 स्टील्थ फाइटर जेट ना बेचे। पाकिस्तान एयरफोर्स के चीफ एयर चीफ मार्शल जहीर अहमद बाबर सिद्धू ने अमेरिका से भारत को एफ-35ए स्टील्थ फाइटर नहीं बेचने की गुजारिश की है। आपको बता दें कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने फरवरी महीने में भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात के दौरान एफ-35 स्टील्थ फाइटर बेचने का ऑफर दिया था। इसके बाद अप्रैल महीने में जब अमेरिका के उप-राष्ट्रपति जेडी वेंस भारत दौरे पर आए थे, उस दौरान भी उन्होंने भारत को एफ-35 का ऑफर दिया था। लेकिन भारत की तरफ से अभी तक एफ-35 के अधिग्रहण को लेकर एक भी आधिकारिक बयान नहीं दिया गया है। हालांकि पिछले हफ्ते रक्षा सचिव आरके सिंह ने ये जरूर कहा था कि भारत अपने ‘दोस्त देश’ से स्टील्थ फाइटर जेट खरीदने पर गंभीरता से विचार कर रहा है। लेकिन उन्होंने किसी देश, या किसी फाइटर जेट का नाम नहीं लिया था।
दरअसल, जहीर अहमद बाबर सिद्धू ने पिछले दिनों अमेरिका की यात्रा की थी। इस दौरान उन्होंने यूएस एयरफोर्स के चीफ जनरल डेविड ऑल्विन के अलावा अमेरिका के कुछ और सैन्य अधिकारियों और कुछ सांसदों से मुलाकात की थी। जिसमें उन्होंने अमेरिकी अधिकारियों से भारत को एफ-35 स्टील्थ फाइटर नहीं देने की गुजारिश की थी। उन्होंने अपना डर जाहिर करते हुए कहा था अगर अमेरिका, भारत को एफ-35 देता है तो इससे क्षेत्रीय रणनीतिक संतुलन को खतरनाक रूप से बिगाड़ सकता है। पाकिस्तान, जिसकी एयरफोर्स की क्षमता भारत के मुकाबले काफी कमजोर और सीमित है, उसका मानना है कि यदि भारत को F-35A जैसे पांचवीं पीढ़ी के स्टील्थ फाइटर मिलते हैं, तो इससे दक्षिण एशिया की हवाई ताकत का संतुलन गंभीर रूप से प्रभावित होगा और क्षेत्रीय रणनीतिक स्थिरता को खतरा होगा।