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लोकतंत्र के लिए गंभीर चुनौती बना ड्रैगन, भारत-चीन टकराव इसका उदाहरण: ताइवानी राष्‍ट्रपति


ताइवान के नैशनल डे पर दिए अपने भाषण में देश की राष्‍ट्रपति त्‍साई इंग वेन ने चीन पर जोरदार हमला बोला। उन्‍होंने कहा कि चीन दुनियाभर के लोकतंत्रों के लिए चुनौती बन गया है और भारत-चीन सीमा पर झड़प इसका उदाहरण है। राष्‍ट्रपति वेन ने यह भी कहा कि चीन अगर अगर समानता और गरिमा बनाए रखता है और दोनों के बीच संबंध सुधारना चाहता तो हम सार्थक बातचीत के लिए तैयार हैं।
राष्‍ट्रपति वेन ने अपने भाषण में कहा, ‘दक्षिण चीन सागर में विवाद, चीन-भारत सीमा पर झड़प, हॉन्‍ग कॉन्‍ग में चीन का दमन यह स्‍पष्‍ट रूप से द‍िखाता है कि हिंद-प्रशांत इलाके में लोकतंत्र, शांति और समृद्धि गंभीर चुनौतियों का सामना कर रहे हैं।’ उन्‍होंने कहा कि हम अपनी रक्षा की क्षमता को बढ़ा रहे हैं और सेना हमारा भविष्‍य है और इसे लगातार मजबूत करने के लिए काम करते रहेंगे।
‘चीनी सेना पीएलए की गतिविधियां अनुचित हैं’
उन्‍होंने कहा कि हम लगातार देश में अत्‍याधुनिक हथियार और सबमरीन बना रहे हैं। हम अत्‍यंत प्रशिक्षित जवानों को तैयार करने पर काम कर रहे हैं। राष्‍ट्रपति ने कहा कि चीनी सेना पीएलए की गतिविधियां अनुचित हैं। हिंद-प्रशांत क्षेत्र के देश कई गठबंधन कर रहे हैं ताकि उनकी उनकी राष्‍ट्रीय सुरक्षा और लोकतंत्र बाहरी प्रभाव से प्रभावित न हो। उन्‍होंने कहा कि अगर चीन अपनी दुश्‍मनी को भुलाने और समानता तथा गरिमा के आधार पर संबंधों को सुधारने के लिए इच्‍छुक है तो हम सार्थक बातचीत के लिए तैयार हैं।
उधर, ताइवान के नैशलन डे पर भी चीनी सेना धमकाने से बाज नहीं आई। चीन ने शुक्रवार शाम को नैशनल डे की पूर्व संध्‍या पर अपने लड़ाकू विमान ताइवान की सीमा के पास भेजे। ताइवन की सेना ने भी करारा जवाब देते हुए उन्‍हें तत्‍काल भगा दिया। चीन ने इस साल अब तक 2,972 बार से ज्‍यादा अपने फाइटर जेट ताइवान की सीमा के पास भेजे हैं। चीन के युद्धक विमानों को भगाने पर ही ताइवान को करीब 90 करोड़ डॉलर खर्च करना पड़ा है।
ताइवान के उपराष्‍ट्रपति लाइ चिंग टे ने ट्वीट करके बताया कि चीन ने हमारे ताइवान नैशनल डे की पूर्व संध्‍या पर एक बार फिर से हमें भड़काने के लिए अपने युद्धक विमान भेजे। लेकिन यह हमारे जश्‍न को नहीं रोक सकेगा। यह हमें क्षेत्र में शांति और स्थिरता की रक्षा करने से रोक नहीं सकेगा। इससे पहले ताइवान के रक्षा मंत्री ने कहा था कि चीन के लगातार लड़ाकू विमानों के भेजने से हमारी सेना पर दबाव काफी बढ़ गया है।
चीन अमेरिका और ताइवान के बीच बढ़ते सहयोग से चिढ़ा
रक्षा मंत्री ने कहा कि उनके देश को गंभीर संकट का सामना करना पड़ रहा है। उधर, विशेषज्ञों का कहना है कि चीन ताइवान की सेना को थकाने के लिए लगातार अपने फाइटर जेट को ताइवान स्‍ट्रेट के पास भेज रहा है। चीन इन द‍िनों अमेरिका और ताइवान के बीच बढ़ते सहयोग से चिढ़ा हुआ है। चीन के इसी संकट को देखते हुए ताइवान की राष्‍ट्रपति त्‍साई इंग वेन ने प्रण किया है कि वह देश की सुरक्षा को मजबूत करेंगी और क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए काम करेंगी।