
न्यूयॉर्क से दिल्ली के लिए एअर इंडिया की उड़ान में नशे की हालत में एक महिला पर पेशाब करने के आरोपी के सहयात्री एक अमेरिकी डॉक्टर ने कहा है कि नशे में व्यक्ति होश में नहीं हो सकता है, लेकिन चालक दल के सदस्यों ने ढिलाई बरती और अपनी जिम्मेदारी निभाने में विफल रहे। डॉ. सुगत भट्टाचार्य ने 26 नवंबर को उड़ान एआई102 के बिजनेस क्लास केबिन में हुई घटना के बारे में बताया, जो पिछले हफ्ते प्रकाश में आई थी। अमेरिका के न्यू हैम्पशायर राज्य में रहने वाले भट्टाचार्य ने उड़ान के आगमन के तुरंत बाद एअर इंडिया को एक विस्तृत शिकायत लिखी, जिसमें उन्होंने सह-यात्री शंकर मिश्रा के साथ अपने अनुभव और चालक दल के सदस्यों के साथ अपनी बातचीत का विवरण दिया था।
शंकर मिश्रा के पिता के दावे की बखिया उधेड़ी – भट्टाचार्य ने कहा कि वह शिकायत के बारे में विस्तार से बात कर रहे हैं क्योंकि मिश्रा के पिता का दावा है कि उनका बेटा निर्दोष है और हो सकता है कि वह जबरन वसूली का शिकार हुआ हो। उन्होंने कहा, ”यह मेरे लिए नैतिक रूप से खड़ा होने का समय था। मुझे लगा कि खड़े होना और शिकायत करना मेरा नैतिक दायित्व था और मैंने किया।”
भट्टाचार्य ने पायलट की भूमिका पर उठाए सवाल – अमेरिका में रहने वाले डॉक्टर ने बताया कि जिम्मेदारी पायलट की भी है। उन्होंने बताया कि दोपहर के भोजन के समय मिश्रा ने चार गिलास शराब पी। उन्होंने चालक दल के एक पुरुष सदस्य को भी मिश्रा के बारे में और उस पर नजर रखने के बारे में सचेत किया था। प्रक्रियात्मक विफलताओं की ओर इशारा करते हुए श्रवण विज्ञानी भट्टाचार्य ने बताया कि घटना के बाद महिला को मिश्रा से बात करने के लिए कहना अपराध है। उन्होंने कहा, ”यह एक यौन हमला है…और एक बार ऐसा हो जाए तो किसी को भी मध्यस्थता का रास्ता नहीं अपनाना चाहिए।” भट्टाचार्य ने घटना के बारे में विमानन कंपनी को हस्तलिखित शिकायत दी थी।
पायलट ने नही निभाई अपनी जिम्मेदारी’ – उन्होंने कहा, ”मैं गुस्से में था। मुझे इस बात की परवाह नहीं है कि शराब के नशे में उसने ऐसा किया और वह होश में नहीं था। लेकिन जिन लोगों के पास शक्ति और अधिकार था, उन्होंने (महिला से) कोई सहानुभूति नहीं दिखाई। एक विमान में, पायलट मुख्य व्यक्ति होता है और अंतिम जिम्मेदारी उसी की होती है।’ उड़ान में भट्टाचार्य ‘बिजनेस क्लास’ में 8ए सीट पर थे, मिश्रा 8सी सीट पर था। इस घटना के सामने आने के बाद कुछ दिनों से लापता मिश्रा (34) को बेंगलुरु से गिरफ्तार किया गया और दिल्ली की एक अदालत ने 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
महिला को दोबारा गंदी सीट पर बैठाने का लगाया आरोप – भट्टाचार्य ने कहा कि पूरी घटना बहुत दुखद है। शराब के अधिक सेवन के कारण एक वरिष्ठ नागरिक की गरिमा के साथ खिलवाड़ किया गया, एक युवा मुसीबत में है, उसने अपनी नौकरी खो दी है, उसका परिवार, उसके आसपास के सभी लोग कठिन दौर से गुजर रहे हैं। एअर इंडिया को दी गई अपनी शिकायत में भट्टाचार्य ने कहा कि प्रथम श्रेणी में चार सीट खाली होने के बावजूद महिला को उसकी गंदी सीट पर वापस जाने के लिए मजबूर किया गया। भट्टाचार्य ने कहा कि उनकी शिकायत थी कि बहुत सारे मानक संचालन प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया गया। उन्होंने कहा, ”जब ऐसा कुछ होता है, तो आप सबसे पहले एक परेशान यात्री की सहायता करते हैं।”
चालक दल ने रेस्ट करने के बाद महिला को दी दूसरी सीट – भट्टाचार्य ने कहा कि मिश्रा बेहोश हो गया था और कोई उसे जगाना भी नहीं चाहता था क्योंकि कोई नहीं जानता था कि वह कैसा व्यवहार करेगा। उन्होंने कहा कि वे उसके जगने का इंतजार कर रहे थे। उन्होंने कहा कि चालक दल को यह सुनिश्चित करना चाहिए था कि महिला को एक अलग सीट पर ले जाया जाए। इसके बजाय, उन्हें लंबे समय तक इंतजार कराया गया। चालक दल का विश्राम खत्म होने के बाद उपलब्ध एक सीट महिला को दी गई। भट्टाचार्य ने कहा कि इसी दौरान उन्होंने विरोध जताया।
पायलट पर महिला और मिश्रा के बीच समझौता करवाने के आरोप – भट्टाचार्य ने एयरलाइन को एक लिखित शिकायत में कहा था कि प्रथम श्रेणी में चार सीट खाली होने के बावजूद परेशान यात्री को अपनी गंदी सीट पर वापस जाने के लिए मजबूर किया गया। उन्होंने कहा कि जब उन्होंने एक वरिष्ठ विमान परिचारिका से पूछा कि महिला को प्रथम श्रेणी में उपलब्ध सीट क्यों नहीं दी जा रही है तो उसने कहा कि वह फैसला नहीं ले सकती है और इस पर केवल पायलट ही फैसला ले सकता है। भट्टाचार्य ने कहा कि जब कोई अपराध होता है तो आप बीचबचाव की कोशिश नहीं करते। उन्हें पीड़िता और मिश्रा को किसी भी समझौते के लिए आमने-सामने नहीं बैठाना चाहिए था।
पायलट ने ग्राउंड स्टाफ और पुलिस को नहीं दी सूचना – उन्होंने कहा कि इसके बजाय कैप्टन को विमान को उतारने से पहले कर्मियों को इसकी सूचना देनी चाहिए थी और यह सुनिश्चित करना चाहिए था कि मिश्रा को उन अधिकारियों को सौंपा जाए जो उचित कार्रवाई करते। उन्होंने कहा, ”मेरा गुस्सा इस बात को लेकर है कि किसी ने भी जिम्मेदारी से काम नहीं किया और प्रक्रिया में कई खामियां रहीं।”
मिश्रा से शराब के ग्लास भरते जा रहे थे केबिन क्रू – घटना को याद करते हुए भट्टाचार्य ने बताया कि मिश्रा दोपहर का भोजन करने के बाद शराब पी रहा था और उसने ”दोपहर के भोजन के बाद चार गिलास शराब पी। वह अपने गिलास की तरफ इशारा करता और वे (चालक दल के सदस्य) आते तथा उसमें शराब भर देते। उन्होंने बताया कि मिश्रा सो गया था और जब वह लगभग उनकी सीट पर गिर गया तो उन्होंने उसे जगाया। भट्टाचार्य ने कहा कि उन्हें लगा कि विमान के हिलने के कारण मिश्रा अपना संतुलन खो बैठा है। भट्टाचार्य ने कहा कि मैं फिर सो गया और जब उठा तो मैंने देखा वह (मिश्रा) जगा हुआ है, वह शांत है और चालक दल घटना के बारे में पहले ही उससे बात कर चुका है।
घटना के बाद मिश्रा ने पूछा था- मैं परेशानी में हूं क्या? – उन्होंने कहा, मिश्रा ने सबसे पहले कहा- ‘भाई, मुझे लगता है कि मैं परेशानी में हूं। और मैंने जवाब दिया, हां। उसने कहा कि मुझे कुछ नहीं मालूम, मुझे कुछ भी याद नहीं है। मैं सो नहीं सका था, मैंने बहुत ज्यादा शराब पी थी। भट्टाचार्य ने कहा कि मिश्रा शांत था, वह डरा हुआ लग रहा था। उन्होंने कहा, ”लेकिन कुछ भी इस तरह के व्यवहार को उचित नहीं ठहरा सकता।”
बच्चों के बारे में भी किया था सवाल – डॉक्टर ने कहा कि मिश्रा ने उनसे तीन बार पूछा कि उनके कितने बच्चे हैं और वे क्या करते हैं। यह तब था जब उन्होंने चालक दल के एक पुरूष सदस्य को सतर्क किया था। उन्होंने बताया कि इस बेहूदी घटना के बाद पीड़ित महिला लगभग रोने ही वाली थी। उन्होंने कहा कि घटना के बाद महिला ने कोई बखेड़ा खड़ा नहीं किया और वह बहुत शांत, बहुत शालीन महिला है।
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