
पाकिस्तान के लाख प्रपंच रचने और झूठ फैलाने के बावजूद दुबई ने जम्मू और कश्मीर में निवेश का ऐलान किया है। इस्लामिक सहयोग संगठन के देश का कश्मीर को लेकर उठाए गए इस कदम की तारीफ अब भारत में पाकिस्तान के दूत रहे अब्दुल बासित ने भी की है। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर में औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिए दुबई सरकार का एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर करना भारत के लिए एक बड़ी सफलता है। जबकि, इमरान खान की विदेश नीति को बड़ा झटका है।
दुबई और जम्मू-कश्मीर के बीच एमओयू साइन : जम्मू और कश्मीर में बुनियादी ढांचा को बेहतर बनाने और उद्योग बढ़ाने के लिए श्रीनगर के राजभवन में केंद्र शासित प्रदेश और दुबई सरकार के बीच सोमवार को एक समझौते पर हस्ताक्षर किया गया था। अब्दुल बासित भारत में पाकिस्तान के उच्चायुक्त रह चुके हैं। उन्हें पाकिस्तान के शीर्ष राजनयिकों में से एक गिना जाता है। अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने पाकिस्तानी दूतावास में कई बार कश्मीरी अलगाववादी नेताओं को भी निमंत्रित किया था।
बासित बोले- यह भारत की बड़ी सफलता : बासित ने कहा कि एमओयू पर हस्ताक्षर करना भारत के लिए एक बड़ी सफलता है, क्योंकि इस्लामिक सहयोग संगठन(ओआईसी) के सदस्यों ने हमेशा ही कश्मीर पर पाकिस्तान की भावनाओं को आगे रखा है। बासित, 2014 से 2017 के बीच नयी दिल्ली में पाकिस्तान के उच्चायुक्त रहे थे।
ओआईसी और मुस्लिम देश कश्मीर पर पाक के साथ नहीं : द न्यूज इंटरनेशनल समाचार पत्र ने उनके हवाले से कहा कि अतीत में, उन्होंने (ओआईसी सदस्य देशों ने) ऐसा कुछ नहीं किया था कि पाकिस्तान को लगता कि मुस्लिम देश और ओआईसी कश्मीर मुद्दे पर हमारे साथ नहीं खड़े हैं। वे बहुत मुखर नहीं हो सकते हैं, लेकिन कश्मीर पर हमारी भावनाओं के खिलाफ काम नहीं करना चाहिए था।
‘भारत के लिए मैदान खाली न छोड़े पाक’ : उन्होंने कहा कि समाधान तलाशने की कोशिश होनी चहिए। लेकिन क्या यह स्वीकार्य है कि हर चीज एकतरफा हो और भारत के लिए मैदान खाली कर दिया जाए। अब, स्थिति यह है कि मुस्लिम राष्ट्र भारत के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर कर रहे हैं।
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