उज्जैन में गुरुवार शाम अचानक शुरू हुई भारी बारिश और तेज आंधी ने सिंहस्थ मेला एरिया को काफी नुकसान पहुंचाया है। साधु-संतों के कई पंडाल गिर गए हैं। एक साधु और तीन महिलाओं समेत 7 लोगों की मौत होने की खबर है। 80 से ज्यादा घायल हैं। तीन गंभीर घायलों को इंदौर रेफर किया गया है। एडमिनिस्ट्रेशन ने मरने वालों के परिवार को 2 लाख और गंभीर घायलों को 50 हजार मुआवजा देने का एलान किया है। बता दें कि यहां शुक्रवार को ही सिंहस्थ के पर्व स्नान के लिए 25 लाख लोगों के आने के अासार हैं। बारिश ने ऐसे मचाई तबाही…
– उज्जैन में दोपहर तक मौसम का मिजाज ठीक था, लेकिन शाम 4 बजते ही बादल छाने लगे और थोड़ी देर बाद भारी बारिश शुरू हो गई।
– एक घंटे में तेज हवाओं के बीच एक इंच बारिश और ओले गिरने से दत्त अखाड़ा, महाकाल, उजड़खेड़ा और मंगलनाथ एरिया में कई शिविर गिर गए। सबसे ज्यादा नुकसान मंगलनाथ एरिया में हुआ है।
– दत्त अखाड़ा एरिया और चिंतामण एरिया में पंडाल गिरने से 7 लोगों की मौत हो गई।
– शिविरों में एक से डेढ़ फीट तक पानी भर गया। महाकाल एरिया में रुद्रसागर, बड़नगर रोड, उजड़खेड़ा, मुल्लापुरा, भूखीमाता, काल भैरव एरिया के पंडालों में पानी भर गया।
– मेला एरिया का बड़ा हिस्सा गांव की कच्ची जमीन पर बसाया गया है। इस वजह से तेज बारिश के चलते मेला एरिया में ज्यादा नुकसान पहुंचा।
तीन की पहचान हुई
– मरने वालों में तीन लोगों की पहचान हो गई है। इनमें बाती पति रामेश्वर (55) इंदौर, प्रह्लाद (60) देवास तथा रूमल कौर पति प्रहलाद (60) निवासी फरीदाबाद हैं।
– बाकी लोगों की शिनाख्त की कोशिश की जा रही है।
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष ने की लोगों से अपील
– अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद् के अध्यक्ष नरेंद्र गिरी ने कहा है कि बाहर से आए श्रद्धालु सिंहस्थ एरिया के 13 अखाड़ो में रात रुक सकते हैं। यहां उनके खाने का भी इंतजाम है।
-उन्होंने कहा कि मेला एरिया के कई पांडाल है अब भी सुरक्षित जहां लोग रह सकते है । उन्होंने शहर के लोगों से भी श्रद्धालुओं की मदद करने की अपील की है।
– उन्होंने कहा है कि यह प्राकृतिक आपदा है। साधु-संत और श्रद्धालु धैर्य रखें। मेला एरिया में भारी नुकसान हुआ है। साधु-संतों व श्रद्धालुओं की मदद के लिए एडमिनिस्ट्रेशन से बातचीत की जा रही है।
पंचक्रोशी यात्रियों का जत्था है उज्जैन में
– उज्जैन में इस वक्त पंचक्रोशी यात्रियों के जत्थों का आना शुरू हो गया है।
– 6 मई को अमावस्या पर सिंहस्थ में पर्व स्नान होना है। इसमें 15 लाख पंचक्रोशी यात्रियों सहित 25 लाख से ज्यादा लोगों के आने की उम्मीद है।
– गुरुवार शाम हुई तेज बारिश से एडमिनिस्ट्रेशन की परेशानी बढ़ गई है।
– पहले ही कई मामलों में साधु-संतों का विरोध झेल रहे एडमिनिस्ट्रेशन के सामने बारिश ने नई चुनौती खड़ी कर दी।
– कुछ जगह साधु संतों के पंडाल और अखाड़ों में रखी गाड़ियां कीचड़ में धंस गईं। इन्हें निकालना मुश्किल हो गया।
– सिंहस्थ में बारिश का ये संभवतः पहला मौका है। मेला एडमिनिस्ट्रेशन ने बारिश के हिसाब से कोई तैयारी नहीं की थी। इसलिए व्यवस्थाएं गड़बड़ा गईं।
– कुछ साधु-संत इस बारिश को चांडाल योग का नतीजा भी बता रहे हैं।