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ब्रिटिश संसद पहुंची भारत-चीन तनाव की गूंज, पीएम जॉनसन बोले- स्थिति गंभीर और चिंताजनक


भारत और चीन के बीच जारी तनाव की गूंज अब लंदन तक पहुंच गई है। अमेरिका, रूस, मालदीव, समेत कई देशों के बाद अब ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने भी इस मामले में पहली बार आधिकारिक प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने एलएसी पर भारत और चीन के बीच पैदा हुए हालात को बेहद गंभीर और चिंताजनक स्थिति करार दिया।
भारत-चीन तनाव पर ब्रिटिश संसद में चर्चा
बुधवार को ब्रिटिश संसद के निचले सदन हाउस ऑफ कामंस की बैठक के दौरान कंजर्वेटिव पार्टी के सांसद फ्लिक डुम्मोंड ने पीएम जॉनसन से भारत-चीन तनाव को लेकर सवाल पूछा। जिसके जवाब में उन्होंने कहा कि ब्रिटेन हालात पर करीबी नजर रखे हुए है। दोनों देश बेहद गंभीर और चिंताजनक स्थिति में खड़े हैं।
ब्रिटिश सांसद ने पीएम से पूछा सवाल
फ्लिक डुम्मोंड ने पूछा कि एक तरफ राष्ट्रमंडल का एक सदस्य देश और दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र भारत है और दूसरी तरफ लोकतंत्र की हमारी अवधारणा को चुनौती देने वाला देश चीन है। इस तनाव का ब्रिटेन के हितों पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
पीएम बोरिस जॉनसन ने दिया जवाब
जिसके जवाब में ब्रिटिश पीएम बोरिस जॉनसन ने कहा कि मैं यही अपील कर सकता हूं कि दोनों देश सीमा से जुड़े मुद्दों को आपसी बातचीत के जरिए सुलझाने की कोशिश करें। सबसे अच्छी बात यही हो सकती है।
बातचीत के बीच एलएसी पर सेना बढ़ा रहा चीन
चीन ऐसे वक्त में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर सैन्य उपस्थिति बढ़ा रहा है जब दोनों देशों के बीच सैन्य और कूटनीतिक वार्ता जारी है। दोनों देशों की सेनाओं के वरिष्ठ कमांडरों की सोमवार को बैठक हुई जो करीब घंटे चली और इस दौरान दोनों पक्षों में सहमति बनी कि वे पूर्वी लद्दाख में सभी संघर्ष बिन्दुओं पर गतिरोध को धीरे-धीरे कम करेंगे। दोनों पक्षों के बीच बुधवार को कूटनीतिक वार्ता भी हुई।

पेट्रोलिंग पॉइंट 14 के पास खड़ा किया ढांचा
भारत के कड़े विरोध के बावजूद चीन की सेना ने एक बार फिर पेट्रोलिंग पॉइंट 14 के आसपास कुछ ढांचा खड़ा किया है। पिछले कुछ दिनों से चीन गलवान घाटी पर अपना दावा किया है जिसे भारत ने खारिज कर दिया है। पैंगोंग सो और गलवान घाटी के अलावा दोनों सेनाएं देमचॉक, गोगरा हॉट स्प्रिंग और दौलत बेग ओल्डी में भी आमने सामने हैं। बड़ी संख्या में चीन के सैनिकों ने एलएसी पर भारत की सीमा में घुसपैठ की।
15 जून के बाद से खाली थी पोस्ट
बताया जा रहा है कि पेट्रोलिंग पॉइंट 14 के पास 15 जून को हुई हिंसा के बाद से यह पोस्ट चीन ने खाली कर दी थी। यहां थोड़ी संख्या में ही चीनी सैनिक तैनात थे। इस बीच बातचीत की आड़ में चीन ने फिर एक बार इस पोस्ट पर अपने सैनिकों की संख्या बढ़ा दी है। इतना ही नहीं, इस पोस्ट तक भारी वाहनों को लाने के लिए चीन ने एक सड़क का भी निर्माण किया है।
चीन ने पेट्रोलिंग पॉइंट 14 तक आने के लिए एक सड़क का भी निर्माण किया है। सैटेलाइट इमेज से इसका खुलासा हुआ है कि चीन ने नदी के किनारे-किनारे धारा के प्रवाह को रोकते हुए सड़क बनाई है। इस सड़क के किनारों पर चीनी सेना के कई आउटपोस्ट भी नजर आ रहे हैं। वहीं चीन की भारी मशीनरी भी दिखाई दे रही हैं।
कराकोरम दर्रे और दौलत ओल्ड बेगी पर चीन की नजर
सूत्रों के मुताबिक गलवान घाटी और पैंगोग सो के बाद अब वह दौलत बेग ओल्डी में भी भारतीय सेना की गश्त में बाधा डाल रहा है। चीन ने दौलत बेग ओल्डी और डेस्पांग सेक्टर के पास अपने तंबू गाड़ दिए हैं। वहां चीनी सेना के बेस में हलचल तेज हो गई है। जून की सैटेलाइट तस्वीरों में इसका खुलासा हुआ है। वहां चीन के किसी भी दुस्साहस का जवाब देने के लिए भारतीय सेना ने भी वहां अपनी स्थिति मजबूत कर ली है।
पीछे नहीं हटी चीनी सेना
अमेरिकी स्पेस टेक्नोलॉजी फर्म मैक्सार टेक्नोलॉजीज से मिली सैटेलाइट तस्वीरों में दिख रहा है कि चीन की सेना गलवान घाटी से पीछे नहीं हटी है। 15 जून को जहां दोनों सेनाओं में हिंसक झड़प हुई थी। सूत्रों का कहना है कि चीन कराकोरम दर्रे के पास के इलाके में भी घुसपैठ करना चाहता है। यह दर्रा सामरिक दृष्टि से बेहद अहम है।
चीन से इन प्वाइंट पर है विवाद
पेंगोंग सो और गलवान घाटी के अलावा दोनों देश की सेनाओं के बीच पूर्वी लद्दाख के देमचोक, गोगरा हॉट स्प्रिंग और दौलत बेग ओल्डी में भी गतिरोध जारी है। बड़ी संख्या में चीनी सेना के जवान वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत की ओर आ गए थे। यह जानकारी देने वाले लोगों ने बताया कि चीन ने अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम और उत्तराखंड में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर कई महत्वपूर्ण सेक्टरों पर सैनिकों की संख्या और हथियार दोनों बढ़ा दिए हैं।
बातचीत के बीच एलएसी पर सेना बढ़ा रहा चीन
बता दें कि चीन ऐसे वक्त में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर सैन्य उपस्थिति बढ़ा रहा है जब दोनों देशों के बीच सैन्य और कूटनीतिक वार्ता जारी है। दोनों देशों की सेनाओं के वरिष्ठ कमांडरों की सोमवार को बैठक हुई जो करीब घंटे चली और इस दौरान दोनों पक्षों में सहमति बनी कि वे पूर्वी लद्दाख में सभी संघर्ष बिन्दुओं पर गतिरोध को धीरे-धीरे कम करेंगे। दोनों पक्षों के बीच बुधवार को कूटनीतिक वार्ता भी हुई।
चीन से इन प्वाइंट पर है विवाद
पेंगोंग सो और गलवान घाटी के अलावा दोनों देश की सेनाओं के बीच पूर्वी लद्दाख के देमचोक, गोगरा हॉट स्प्रिंग और दौलत बेग ओल्डी में भी गतिरोध जारी है। बड़ी संख्या में चीनी सेना के जवान वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत की ओर आ गए थे। यह जानकारी देने वाले लोगों ने बताया कि चीन ने अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम और उत्तराखंड में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर कई महत्वपूर्ण सेक्टरों पर सैनिकों की संख्या और हथियार दोनों बढ़ा दिए हैं।