
राष्ट्रपति चुनाव से जो बाइडन के हटने के बाद कमला हैरिस डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार हैं। कमला हैरिस जोरदार तरीके से अपना प्रचार कर रही हैं, जिनको डोनाल्ड ट्रंप से चुनौती मिल रही है। हैरिस के चुनाव मैदान में आने से अमेरिका में कई नई बहस भी शुरू हुई हैं।
अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के लिए प्रचार जोर पकड़ने लगा है। चुनाव में राष्ट्रपति बनने के लिए रिपब्लिकन पार्टी के डोनाल्ड ट्रंप और डेमोक्रेटिक कैंडिडेट कमला हैरिस के बीच सीधा मुकाबला है। ये चुनाव अमेरिकी समाज में आ रहे कुछ बदलावों का भी इशारा कर रहा है। जमैका के पिता और भारतीय मां की बेटी कमला हैरिस का उम्मीदवार बनना अमेरिका में जनसंख्या के बदलाव को भी दिखाता है। साथ ही ये देश की सबसे तेजी से बढ़ती नस्लीय श्रेणी का भी उदाहरण है। यूएस जनगणना ब्यूरो के आंकड़े कहते हैं कि 4.2 करोड़ अमेरिकी मल्टीरेसियल (बहुनस्लीय, जिनके माता पिता अलग-अलग क्षेत्रों से हैं) के रूप में पहचान करते हैं, जो देश की आबादी का 13 फीसदी हैं। एक तरफ अमेरिका में ऐसे लोग बढ़ रहे हैं, जिनके मां और पिता अलग नस्ल से आते हैं तो दूसरी ओर इससे श्वेत अमेरिकियों में एक चिंता का भाव बढ़ रहा है।
फर्स्टपोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका में बहुनस्लीय लोगों की संख्या बीते दो दशकों में तेजी से बढ़ी है। 2000 में इनकी आबादी दो फीसदी थी, जो अब 13 फीसदी हो गई है। इसका असर राजनीति पर भी दिखा है। इसका बड़ा उदाहरण 2008 में दिखा था, जब बराक ओबामा देश के पहले अश्वेत राष्ट्रपति चुने गए थे। हैरिस अगर इस साल अगर चुनी जाती हैं तो वह अमेरिकी राष्ट्रपति बनने वाली पहली अश्वेत महिला और दक्षिण एशियाई होंगी।
अमेरिका में और बढ़ेगा बहुनस्लीय लोगों का प्रभाव – पीपल फॉर द अमेरिकनवे के प्रमुख स्वेन्ते मायरिक कहते हैं कि हम वर्षों बाद ऐसी स्थिति में हैं, जहां एक मिश्रित नस्ल के राष्ट्रपति को देख सकते हैं। वह कहते हैं कि अमेरिका का भविष्य और भी विविधतापूर्ण दिखाई देगा। इसकी वजह ये है कि बहुजातीय लोगों में से अधिकांश 44 वर्ष से कम उम्र के हैं और एक तिहाई अभी भी बच्चे हैं। जाहिर आने वाले समय में ये आबादी और बढ़ेगी। साथ ही ये अमेरिका में श्वेत लोगों के प्रभुत्व के लिए भी चुनौती बनेगी। इसकी झलक हाल ही में तब देखने को मिली थी जब डोनाल्ड ट्रंप ने अश्वेत पत्रकारों के साथ बैठक की थी। इस बैठक में उन्होंने कमसा हैरिस पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि पता नहीं वह भारतीय है या फिर ब्लैक।
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