
बैंगलूरू: कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु से 635 किलोमीटर दूर कलबुर्गी से एक बेहद सनसजीखेज मामला सामने आया है। कलबुर्गी में पैसे के लालच में डॉक्टरों ने ऐसा काम कर दिया, जिससे कईयों का जीवन बरबाद हो गया।
जानकारी के अनुसार 2200 गरीब महिलाओं का ऑपरेशन कर के उनका गर्भाशय निकाल दिया गया। अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक महिलाओं से छोटी-छोटी बीमारियों, जैसे पेट में दर्द सरीखे रोगों पर भी डॉक्टरों की ओर से बताया गया कि उनके गर्भाशय में संक्रमण है, जिसके कारण उनका ऑपरेशन करना पड़ेगा।
इस रैकेट का खुलासा अगस्त 2015 में हो गया था। स्वास्थ्य विभाग की जांच में यह बात सामने आई कि लाइसेंस रद्द होने के बाद भी कलबुर्गी के तमाम अस्पतालों में यह काम जारी था। विभाग की ओर जमा कराई गई रिपोर्ट में कहा गया है कि जो महिलाएं, इन डॉक्टरों का शिकार हुई हैं, उनमें से ज्यादातर को पीठ और पेट दर्द की शिकायत थी।
रिपोर्ट में कहा गया है कि डॉक्टरों ने महिलाओं का अल्ट्रासाउंड किया और फिर दवा देने के बाद बताया कि उनके गर्भाशय में संक्रमण है। अगर उन्होंने ऑपरेशन नहीं कराया तो उन्हें कैंसर हो सकता है। ऐसे में महिलाओं ने कैंसर की बात सुनकर ऑपरेशन कराया। रिपोर्ट में कहा गया है कि सभी महिलाएं, लंबनी और दलित समुदाय से थी साथ ही डॉक्टरों ने सभी से यही बातें कहीं।
रिपोर्ट में कहा गया कि जो महिलाएं इस रैकेट का शिकार बनी हैं वो गरीब तो है हीं, साथ ही सभी की उम्र 40 से कम है। इस बात का खुलासा भी हुआ कि एक सरकारी डॉक्टर के नाम पर पंजीकृत बासवा अस्पताल भी इसमें शामिल था और यह कन्डक्ट रूल्स का उल्लंघन है।
स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के चलते सोमवार को हजारों महिलाओं और एक गैर सरकारी संगठन ने एक साथ मिलकर अपनी आवाज बुलंद कर उन अस्पतालों का लाइसेंस जब्त करने की मांग की. पीड़ित महिलाओं ने सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि स्थानीय प्रशासन को इस मामले की जानकारी है. लेकिन प्रशासनिक कार्रवाई नहीं की गई. इन अस्पतालों का लाइसेंस तक जब्त नहीं किया गया है.
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