Sunday , August 3 2025 3:55 AM
Home / News / साइप्रस पर एर्दोगन की ‘टू स्टेट थ्योरी’ से NATO में भूचाल, ग्रीस के साथ तुर्की ने खोल दिया जंग का दरवाजा? 51 साल बाद फिर युद्ध?

साइप्रस पर एर्दोगन की ‘टू स्टेट थ्योरी’ से NATO में भूचाल, ग्रीस के साथ तुर्की ने खोल दिया जंग का दरवाजा? 51 साल बाद फिर युद्ध?


तुर्की ने करीब 51 साल पहले साइप्रस पर हमला किया था। तुर्की ने हमले में साइप्रस को दो हिस्सों में बांट दिया था। लेकिन 51 साल बीत जाने के बाद तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप एर्दोगन ने ‘टू स्टेट थ्योरी’ यानि साइप्रस को दो देशों में बांटने का आह्वान किया है, जिससे नाटो में बवाल शुरू हो गया है। उत्तरी साइप्रस पर तुर्की के आक्रमण की 51वीं वर्षगांठ के मौके पर तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप एर्दोगन ने इस द्वीपीय देश के लिए ‘टू-स्टेट समाधान’ की मांग दोहराई है, जिसका साइप्रस गणराज्य और ग्रीस कड़ा विरोध कर रहे हैं। साल 1974 में ग्रीस समर्थित शासन के तख्तापलट के बाद तुर्की ने उत्तरी साइप्रस में सेना भेजकर करीब 36% हिस्से पर कब्जा कर लिया था। जिसके बाद 1983 में तुर्की रिपब्लिक ऑफ नॉर्दर्न साइप्रस (TRNC) की घोषणा हुई। लेकिन इस नये क्षेत्र को सिर्फ तुर्की ने ही मान्यता दी है। किसी भी दूसरे देश ने इस नये हिस्से का समर्थन नहीं किया है। ग्रीस और साइप्रस, दोनों ही देश इसे गैरकानूनी कब्जा मानते हैं, जबकि तुर्की इसे “शांति स्थापना” की कार्रवाई कहता है।
वहीं इस हमले की 51वीं बरसी पर एर्दोगन ने दुनिया से अपील की ‘अब समय आ गया है कि अंतराष्ट्रीय समुदाय जमीनी हकीकत को स्वीकार करे। दो राज्य समाधान को हमारा पूर्ण समर्थन है।’ लेकिन एर्दोगन की ये मांग न सिर्फ यूनाइटेड नेशंस के प्रस्तावों के खिलाफ है, बल्कि NATO के भीतर तुर्की और ग्रीस के बीच तनाव को भी नई ऊंचाई पर ले जाती है। यहां तक की दोनों देशों के बीच जंग का नया रास्ता खुल सकता है। वहीं साइप्रस हमेशा के लिए दो हिस्सों में बंट सकता है और ग्रीस कतई ऐसा होने नहीं देगा।