वारसा। आखिरकार डोनाल्ड ट्रंप ने भी राष्ट्रपति चुनाव में रूसी हस्तक्षेप की बात मानी है। बतौर अमेरिकी राष्ट्रपति पोलैंड की पहली यात्रा पर पहुंचे ट्रंप ने नवंबर, 2016 के चुनाव में रूसी हस्तक्षेप की आशंका जताई है।
उन्होंने इसमें अन्य देशों के संलिप्त होने की भी बात कही है। उनका यह बयान रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से जर्मनी में होने वाली संभावित मुलाकात से ठीक पहले आया है।
रूसी हस्तक्षेप को लेकर ट्रंप के शीर्ष सहयोगियों को अपना पद छोड़ना पड़ा है। इन आरोपों को खारिज करने वाले ट्रंप ने कहा, ‘मैं सीधे और सपाट शब्दों में कह चुका हूं।
हो सकता है इसमें (चुनाव) रूस शामिल रहा हो। मैं सीधे तौर पर किसी को जिम्मेदार नहीं ठहरा सकता, लेकिन मैं समझता हूं कि कई लोगों ने बाधा डाली है। हकीकत कोई नहीं जानता है।
कोई भी इसको लेकर पूरी तरह आश्वस्त नहीं है।’ उन्होंने रूसी राष्ट्रपति पुतिन पर शक करने वाली अमेरिकी खुफिया एजेंसियों को भी चुनौती दे डाली।
ट्रंप ने पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा की आलोचना करते हुए कहा कि उनका सबसे बड़ा सवाल यह है कि ओबामा ने अगस्त से लेकर नवंबर तक क्यों कोई कदम नहीं उठाया? ट्रंप ने इस मौके पर इराक का उदाहरण दिया।
उन्होंने कहा, ‘मुझे अभी भी याद है कि इराक के पास व्यापक विनाश के हथियार को लेकर क्या कहा जा रहा था? कैसे सभी लोग इसको लेकर सौ फीसद आश्वस्त थे। लेकिन हुआ क्या?
इसके कारण बड़ी गड़बड़ी हो गई।’ मालूम हो कि खुफिया एजेंसियों के दावे के कारण वर्ष 2003 में अमेरिका ने इराक पर हमला किया था। चौदह साल बाद भी अमेरिका, इराक में उलझा हुआ है।
वारसा। आखिरकार डोनाल्ड ट्रंप ने भी राष्ट्रपति चुनाव में रूसी हस्तक्षेप की बात मानी है। बतौर अमेरिकी राष्ट्रपति पोलैंड की पहली यात्रा पर पहुंचे ट्रंप ने नवंबर, 2016 के चुनाव में रूसी हस्तक्षेप की आशंका जताई है। उन्होंने इसमें अन्य देशों के संलिप्त होने की भी बात कही है। उनका यह बयान रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से जर्मनी में होने वाली संभावित मुलाकात से ठीक पहले आया है। रूसी हस्तक्षेप को लेकर ट्रंप के शीर्ष सहयोगियों को अपना पद छोड़ना पड़ा है। इन आरोपों को खारिज करने वाले ट्रंप ने कहा, ‘मैं सीधे और सपाट शब्दों में कह चुका हूं। हो सकता है इसमें (चुनाव) रूस शामिल रहा हो। मैं सीधे तौर पर किसी को जिम्मेदार नहीं ठहरा सकता, लेकिन मैं समझता हूं कि कई लोगों ने बाधा डाली है। हकीकत कोई नहीं जानता है। कोई भी इसको लेकर पूरी तरह आश्वस्त नहीं है।’ उन्होंने रूसी राष्ट्रपति पुतिन पर शक करने वाली अमेरिकी खुफिया एजेंसियों को भी चुनौती दे डाली। ट्रंप ने पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा की आलोचना करते हुए कहा कि उनका सबसे बड़ा सवाल यह है कि ओबामा ने अगस्त से लेकर नवंबर तक क्यों कोई कदम नहीं उठाया? ट्रंप ने इस मौके पर इराक का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा, ‘मुझे अभी भी याद है कि इराक के पास व्यापक विनाश के हथियार को लेकर क्या कहा जा रहा था? कैसे सभी लोग इसको लेकर सौ फीसद आश्वस्त थे। लेकिन हुआ क्या? इसके कारण बड़ी गड़बड़ी हो गई।’ मालूम हो कि खुफिया एजेंसियों के दावे के कारण वर्ष 2003 में अमेरिका ने इराक पर हमला किया था। चौदह साल बाद भी अमेरिका, इराक में उलझा हुआ है।