
नेपाल की राजधानी में घरों में लोग गुलदस्तों से लेकर लैंप और ग्लास तक ऐसी सामग्री का इस्तेमाल करने लगे हैं जिन्हें एवरेस्ट से एकत्रित कचरे का पुनर्चक्रण (रिसाइकल) कर तैयार किया जा रहा है। यहां अधिकारियों और कारोबारियों ने एवरेस्ट पर दशकों से व्यावसायिक पर्वतारोहण के कारण हुए नुकसान की भरपाई और उससे निपटने के नए तरीकों पर काम करना शुरू किया है।
एवरेस्ट से टनों कचरा एकत्रित किया जा रहा है जिनमें खाली केन और गैस कनस्तर, बोतलें, प्लास्टिक तथा पर्वतारोहण से संबंधित फेंकी गयी अन्य सामग्री शामिल है। स्थानीय पुनर्चक्रमण संगठन ब्लू वेस्ट टू वैल्यू के नवीन विकास महारजन ने कहा, ‘‘कचरा बेकार नहीं जाना चाहिए।” उन्होंने कहा, ‘‘हम एवरेस्ट से एल्युमिनियम, कांच, प्लास्टिक और लोहा समेत विविध प्रकार की सामग्री प्राप्त करते हैं। इसमें से अधिकतर का पुनर्चक्रण किया जा सकता है।”
नेपाल के सबसे बड़े प्राकृतिक संसाधन की इस तरह की हालत को लेकर होती रही भारी आलोचना के बाद देश की सरकार और पर्वतारोहण समूहों ने इस साल छह सप्ताह तक यहां स्वच्छता के लिए अभियान भी चलाया। कचरे को लाइट और कांच से जुड़ी सामग्री में बदलने वाली कंपनी मोवारे डिजाइन्स के उजेन वांगमो लेपचा के मुताबिक, ‘‘हमारे समाज में कचरे को लेकर वर्जनाएं हैं। इसे गंदगी की तरह ही देखा जाता है। लेकिन लोग जब इस तरह के उत्पाद देखते हैं तो हैरान रह जाते हैं और सोचते हैं कि क्या इस तरह की चीजें बनाना भी संभव है।”
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